क्या सच में कैलाश पर्वत पर शिव जी रहते है?……..

और क्या वाकाही कैलाश पर्वत की रक्षा करने के लिए भगवान शिव ने वहा रखे है येती जैसे विशाल जानवर को………

और क्या है बर्फ से ढके पहाड़ की नीचे बहती 2 नदियों का राज………

और क्या वाकही हिंदू पुराणों के हिसाब कैलाश पर्वत पर दुनिया के पवित्र आत्माओं का वास है……….

और कैसे बना कैलाश पर्वत दुनिया का सबसे पवित्र स्थान………

जानेंगे आज अंत तक बने रहिएगा……

हैलो दोस्तो कैसे है उम्मीद है की अच्छे होगे आपका स्वागत है आज हम जानने वाले कैलाश पर्वत के 10 हैरान कर देने वाले रहस्य दोस्तो बर्फ की चादर से ढके देवों के देव महादेव के घर को रहस्यो का घर कहे तो कोई अपिस्व्यकित नहीं होगी दोस्तों क्या आप जानते हैं कैलाश पर्वत जहां की भगवान शिव का निवास माना जाता है आज भी डमरु और ओम की आवाज सुनाई देती है क्या आपने सोचा है माउंट एवरेस्ट से कम ऊंचाई होने के बाद भी क्यों आज तक कोई कैलाश पर्वत पर नहीं चढ पाया है दोस्तों ऐसे कई रहस्य हैं जिन्हें कैलाश पर्वत अपने गर्भ में छुपाए बैठा है आज के इस वीडियो में कैलाश पर्वत से जुड़े ऐसे  कई रहस्य आपके लिए लेकर आए हैं जिन्हें जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे तो चलिए दोस्तों बिना किसी देरी के वीडियो को शुरू करते है वीडियो मे आगे बढ़ने से पहले वीडियो को लाईक करना न भूले और साथ ही साथ अपने दोस्तो तक जादा से जादा शेयर करे

नं 1 (अजेय कैलाश पर्वत) दोस्तों आपने सोचा होगा कि दुनिया की सबसे ऊँची चोटी माउंट एवरेस्ट पर पर्वतरोही चढ़ जाते हैं लेकिन 6600 मीटर से अधिक और माउंट एवरेस्ट से 2200 मीटर कम उंचाई वाले कैलाश पर्वत पर आज तक कोई क्यों नहीं चढ़ पाया है तो ऐसा नहीं है कि किसी ने कोशिश नहीं की कई वैज्ञानिक पर्वतरोहियों ने पता लगाने के लिए प्रयोग पर चढ़ाने की कोशिश की है लेकिन सफल कोई नहीं हो पाया वह बताते है कि कैलाश पर्वत पर अलौकिक शक्तियां हैं जो उन्‍हें आगे बढ़ने ही नहीं देते कोई रास्ता भटकता है तो कोई बुढ़ा हो जाता है लेकिन कैलाश पर्वत पर कोई नहीं चढ़ पाता दरसल दोस्त इसके पीछे भी रहस्य है साधु संत बताते हैं कि हिंदू धर्म के ग्रंथ में बताते हैं कि कैलाश पर्वत को पवित्र धर्म स्थल मन जाता है ऐसा कहते हैं कि भगवान शिव एक योग और तपस में है जो कैलाश पर्वत पर तपस्या करते थे और आज भी वह कैलाश पर्वत पर मौजुद है और वह तपस्या में लेन है और इसकी सुरक्षा के लिए अलौकिक शक्तियां भी इस पर्वत पर मौजुद हैं जो किसी इंसान को इस पर्वत पर नहीं चढ़ने देते हैं लेकिन दोस्तों आपको बता दें की 11वीं सदी में तिब्बती बौद्ध योगी ने इसकी चढ़ाई की थी उनका नाम मिला रेपा था लेकिन उस पर्वत पर उन्होंने जो देखा वह भी एक रहस्य ही है क्योंकि पर्वत पर चढ़कर उन्होंने क्या देखा और क्या हुआ इस बारे में उन्होंने कोई बात नहीं की इस्लीए यह भी कैलाश पर्वत की तरह एक रहस्य ही बना हुआ है

नं 2( पर्वत पर दो सरवरो के रहस्य) दोस्तों कैलाश पर्वत की चोटी पर 2 झीले हैं पहली है मानसरोवर झील जो कि दुनिया की सबसे उंचाई पर स्थित सबसे शुद्ध पानी की सबसे बड़ी झील है और कहते हैं इस पानी को छुने मात्र से इंसान के पाप मिट जाते हैं वही दोस्तों इस झील का आकार सूर्य के जैसे हैं वहीं दूसरी है राछस झिल जो दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर स्थित खारे पानी के सबसे बड़ी झिल है वही दोस्तों आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन इस झील का आकार चंद्रमा के जैसे है इस पर्वत पर यह झील है सकारात्मक नकारात्मक को दृष्टि करती है अगर आप दक्षिण की तरफ से देखेंगे तो आप को स्वास्तिक चिन्ह वास्तव में दिखाई देगा लेकिन आज तक ये कोई नहीं जान पाया है इस पर्वत पर दोनो झिलो का निर्मांड् प्राकृतिक तौर पर हुआ है या इन में मैन्युअल रूप से बनाया गया है हालाकी कैलाश की चढ़ने वाले लोग में कोई को साकारात्मक शक्तियाँ और कोई नकारात्मक शक्तियाँ का आभास भी हुआ है

नं 3( दिव्य प्रकाश या रोशनी)  दोस्तों आपको विश्वास नहीं होगा लेकिन भगवान शिव के इस कैलाश पर्वत पर 7 तरह की दिव्य रौशनी चमकती हुई देखी गयी है जिनका प्रकाश ऐसा है जिसे कहीं और आप देख नही पाएंगे कई पर्वतारोहि जिंहोने कैलाश पर्वत पर चढ़ने की कोसिस जो कि उनका भी कहना है की है पर्वत पर अलौकिक रोशनी है जो कि बेहद पवित्र नजर आती है ये एक ऐसी रोशनी है जो दुनिया में कहीं और नहीं देखी जा सकती है दोस्तो ऐसा कहा जाता है कि इस पर्वत के दिव्य शक्तिया भी ये नहीं चाहती कि कोई इस पर्वत पर चढ़ पाए

नं 4 (रहस्यमयी आवाजे) दोस्तों अगर आप कैलाश पर्वत या मानसरोवर झील के सत्र में जाएंगे तो‍‍ एक आवाज आपके कानों में लगातार गूंजने लगेगी जैसे की आस पास कोई हवाई जहाज उड़ रहा हो लेकिन ध्यान से सुनेंगे तो यह आवाज कोई हवाई जहाज कि नहीं बल्कि महादेव की डमरु और ओम की आवाज होगी आप सोच रहे होंगे कि यह क्या मजाक है लेकिन दोस्तों यह बिल्कुल सच है कैलाश पर्वत के पास आप जाएंगे तो पाएंगे कि भगवान शिव की  डमरू बज रहा है और लगातार आपके कानों में ओम की ध्वनि सुनाई देगी इतना ही नहीं जब तिब्बत के धर्मगुरुओं ने भी जब कैलाश पर्वत का रहस्य पता करने के लिए उसकी चढ़ाई की तो उनके कानों में सैकड़ों शंको आर डमरू की आवाज  गूंजने लगी और जब वह आवाज को सुनना असहनीय हो गया तो वह धर्मगुरु अपनी यात्रा को बीच में छोड़कर घर की ओर आ गए इसके साथ ही कई लोगों ने भगवान शिव के डमरू की आवाज सुने हैं

नं 5(पुण्य आत्माओं का निवास) दोस्तों साधु संतों का कहना है कि कैलाश पर्वत सबसे पवित्र स्थान है और यहां केवल पुण्य आत्माएं ही निवास कर सकती हैं आज तक कपटे इंसान इस पर्वत तक नहीं पहुंच सकता ना ही निवास कर सकता है कैलाश पर्वत पर कुछ ऐसेअलौकिक शक्तियां जो कपटे इंसान को यहां आने ही नहीं देती है यह बताते हैं कि अलौकिक शक्तियों के बीच तपस्वी आज भी आध्यात्मिक गुरुओं के साथ टेलीपैथिक संपर्क करते हैं और यही अलौकिक शक्तियां है जो इस पर्वत को राशियांसे भर देते हैं

नं 6( ये़ति मानव) दोस्तों ऐसा माना जाता है कि कैलाश पर्वत पर भगवान शिव के साथ-साथ ये़ति मानव भी रहता है जो इंसानों को मारकर खा जाता है इस ये़ति मानव कोई भूरा भालू कहता है तो कोई जंगली मानो तो कोई हिम मानव भी कहते हैं दोस्तों इस बात का प्रमाण 30 से ज्यादा वैज्ञानिक दे चुके हैं की कैलाश पर्वत पर ये़ति मानव रहता है

नं 7(आकार) दोस्तों कैलाश पर्वत माला भूटान से लेकर कश्मीर तक फैली हुई है  दो चीनी पर्वत लामचू और जोमछू के बीच स्थित है जिसके उत्तरी शिखर का नाम कैलाश है दोस्तों कैलाश पर्वत देखने में किसी पिरामिड के जैसे दिखाई देता है जो लगभग 100 छोटे-छोटे पिरामिडो से मिलकर बना होता है दोस्तों तिब्बती लोग का मानना है कि यदि  कैलाश पर्वत की 3 या फिर 13 परिक्रमाऐ की जाए तो इंसान को पापों से मुक्ति मिलती है और उसे मोक्ष भी प्राप्त होती है और उनका  मानना है कि एक यात्रा की 10 बार परिक्रमा करने से एक कल्प का पाप नष्ट हो जाता है और जो 108 परिक्रमा पूरी करते हैं उन्हें जन्म मरन से मुक्ति मिल जाती है वही इस विशाल पर्वत केआकार को लेकर यह भी कहा जाता है कि इसे स्वयं मां पार्वती ने रोपा है

नं 8 (पृथ्वी का केंद्र) दोस्तों कैलाश पर्वत को हमारी पृथ्वी का केंद्र माना गया है और साधु संतों का कहना है कि क्योंकि यह पृथ्वी का केंद्र है और एक आंद स्थान पर स्थित है इसलिए भगवान शिव ने इस पर्वत को अपना निवास स्थान बनाया था दरसल दोस्तों हमारे पृथ्वी के उत्तरी ध्रुव है तो वहीं दूसरी तरफ दक्षिणी ध्रुव है और इन दोनों में ध्रुवा के बीच में हिमालय स्थित है और हिमालय का केंद्र है कैलाश पर्वत और कैलाश पर्वत को इसलिए पृथ्वी का केंद्र माना जाता है इस बात को वैज्ञानिक भी प्रमाणित कर चुके हैं यह धरती का केंद्र बिंदु है विज्ञान की भाषा में इस केंद्र बिंदु को (axis Mundy) एक्सिस मुंडी कहा जाता है इसका मतलब होता है दुनिया की नाभि या आकाशीय ध्रुव और भौगोलिक ध्रुव का केंद्र अरदास तक पृथ्वी का केंद्र होने के कारण ही कैलाश पर्वत को भगवान शिव का घर कहा जाता है कहा जाता है कि वहां बर्फ ही बर्फ में भोलेनाथ तप में लीन शालीनता शांत निश्चल अघोर धारण किए हुए एकांत तप में लीन है

 दोस्तो आपको ये जानकारी कैसी लगी कृपया अपने विचारों को कॉमेंट बॉक्स मे जरूर बताये तो दोस्तो आज की वीडियो मे बस इतना ही मिलते है|

https://youtu.be/slvy5vqUXmc

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