2 मार्च 2008 कुल्ला लंपुर आज एक इतिहास लिखा जाना था एक ऐसा इतिहास जो हिंदुस्तान के भविष्य को हमेशा के लिए बदलने वाला था मौका था भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच अंडर-19 वर्ल्ड कप के फाइनल का भारत ने पहले बैटिंग करते हुए मैच 159 रन पर सारे विकेट गाव दिए जीत की डागर मुश्किल ग रही थी लेकिन रात कुछ खास थी इंद्रदेव भी शायद भारत को ही जिटेट हुए देखना चाहते थे बस फिर क्या था इधर भारत की परी खत्म हुई उधर इंद्रदेव प्रकट हो गए झमाझम बारिश हुई और जब बारिश होगी तब दक्षिण अफ्रीका के सामने था एक नया टारगेट डकवर्थ लुइस नियम के तहत दक्षिण अफ्रीका को 25 ओवर में 116 रनों का संशोधित लक्ष्य मिला भारतीय गेंदबाजों ने जबरदस्त खेल का मुशायरा करते हुए ताबड़तोड़ विकेट चटकने शुरू कर दी लेकिन दक्षिण अफ्रीका उन टीमों में नहीं जो आसानी से हरमन जाए जब 25 ओवर खत्म हुए तो अफ्रीका का स्कोर था आठ विकेट पर 103 रन यानी भारतीय अंडर-19 टीम ने इतिहास रैक दिया 2000 के बाद पहले बार भारतीय अंडर-19 टीम विश्व विजेता बन चुकी थी और भारत को क्रिकेट जगत में दुनिया का शर्मा और बनाने वाले उसे टीम के कप्तान थे विराट कोहली और इस जीत के बाद इस साल में आईपीएल के पहले सीजन के लिए विराट कोहली को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की टाइम शामिल कर लिया गया

विराट कोहली इस टीम की पहचान है आज बन और शान है रॉयल चैलेंज बेंगलुरु यानी आरसीबी एक ऐसी टीम जिसने खेल भले ही जबरदस्त दिखाए हो लेकिन बदकिस्मती ऐसी की आज तक एक भी आईपीएल किताब नहीं जीत सके आरसीबी की मलिक है यूनाइटेड स्पिरिट्स इस टीम का नाम इसी कंपनी के शराब ब्रांड रॉयल चैलेंज के नाम पर रखा गया इस फ्रेंचाइजी को विजय माल्या की यूनाइटेड स्पिरिट्स ने 11.6 मिलियन उस डॉलर में खरीदा था ये किसी भी टीम के लिए दूसरी सबसे बड़ी नीलामी थी मुंबई फ्रेंचाइजी के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज की लगे 11.9 मिलियन उस डॉलर की बोली सबसे बड़ी बोली थी आईपीएल के पहले सीजन के लिए राहुल द्रविड़ को आरसीबी का आईकॉन प्लेयर बनाया गया टीम में एक से एक विदेशी धुरंधर खिलाड़ियों को शामिल किया गया नीलामी में जैक कॉल्स अनिल कुंबले जाहिर खान मार्ग वाउचर दलसिंह और कैमरून व्हाइट जैसे धाकड़ खिलाड़ी खरीद लिए गए लेकिन टीम मैनेजमेंट शायद अभी संतुष्ट नहीं थी इसलिए दूसरे राउंड की नीलामी में कुछ और खिलाड़ी खरीदे गए इनके नाम है रॉस ट्रेलर्स बहल हक और भारत की विश्व विजेता अंडर-19 टीम के कप्तान विराट कोहली टीम की कमान संभाली राहुल द्रविड़ ने और कोच की जिम्मेदारी संभाली मार्टिन घर ने पहले सीजन पूरे गाजियाबाद के साथ शुरू हुआ लेकिन आरसीबी की टीम और उसके खिलाड़ी शायद खेल के इस नए फॉर्मेट को समझ नहीं पे टीम अपने 14 माचो में से मैच कर ही मैच जीत पे और सीजन के खत्म होने पर आर टीमों में सातवें नंबर पर है इस सीजन में टीम का खराब हालात का अंदाज़ इसी से लगाया जा सकता है की उसे अपने सबसे महंगे खिलाड़ी जैसे को भी कुछ माचो के लिए टीम से बाहर करना पड़ा बजाज थीम का खर पूरे टूर्नामेंट फिर टीम के लिए सबसे ज्यादा 371 रन बनाए राहुल द्रविड़ वही द्रविड़ जो कभी T20 प्लेयर मैन ही नहीं गए टीम ने भले ही बेहद खराब खेल दिखाए लेकिन इसी सीजन में राहुल द्रविड़ ने एक ऐसी भी परी खली जिसे देखकर दुनिया भर के क्रिकेट प्रेमियों ने दातों तले उंगली ढाबा ली राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ राहुल ने गेंदबाजों की ऐसी धुनाई की पकड़ी दिखाई दिए होंगे दरअसल उसे मैच श्रवण ने 6 गगन वेदिक्षकों और छह करने चौंको की मदद से महज छत्तीसगरहों में 75 रन तोक दिए थे और ये पार्टी द्रविड़ का आईपीएल के करीब की सबसे बड़ी और सबसे याद कर भारी थी |

Season में टीम का प्रदर्शनटीम मैनेजमेंट को ना गवार को जरा विजय माल्या अपनी टीम से इस कादर नाराज थे की उसने नीलामी में चुने गए खिलाड़ियों को लेकर सार्वजनिक तोर पर कप्तान राहुल द्रविड़ और टीम के सीईओ की आलोचना कर दी मालिया ने खुद कहा की उनकी सबसे बड़ी गलती खुद को खिलाड़ियों की नीलामी से दूर रखना था चारों को तत्काल पद से हटा दिया गया और शायद इसी वजह से द्रव्य भी टीम की कप्तानी से हाथ दो बैठे इस सीजन की नीलामी में टीम ने केबिन पीटरसन को सबसे ज्यादा बोली लगाकर खरीद लिया और साल केबिन एंड्रयू फ्लिंट के साथ सबसे महंगे खिलाड़ी बने केबिन पीटरसन को ही टीम का कप्तान भी बनाया गया टीम शुरुवाती दूर में 2008 सीजन की तरह ही संघर्ष करती दिखे रही थी 15 पहले 6 माचो में से केवल दो ही मैच जीत सके हालांकि से माचो के बाद केबिन अपनी नेशनल टीम के लिए खेलने अपने देश वापस लोट के और फिर कप्तान बदला तो टीम की किस्मत भी बादल गई टीम की कप्तान सोई गई जादू लेग स्पिनर अनिल कुंबले को एक कुंबले की कप्तानी का ही कम|ल था की टीम के तेवर एकदम से बदले बदले नजर आने लगे टीम अगले आठ माचो में से छह मैच जीत ली आरसीबी अंक तालिका में तीसरी पायदान पर थी यानी तीन सेमी फाइनल में पहुंच चुकी थी जहां उसका मुकाबला था

चेन्नई सुपर किंग से पहले फील्डिंग करते हुए आरसीबी ने सीएसके को 146 रनों पर ही समेत दिया जवाब में मनीष पांडे के 48 और राहुल द्रविड़ के 44 रनों की बदौलत टीम ने सीएसके को टूर्नामेंट से बाहर का रास्ता दिखाए फाइनल में मुकाबला था डेक्कन चार्ज से कहते हैं बड़े खिलाड़ी वो होते हैं जो बड़े मुकाबला में अपना जहर दिखाई हैं आरसीबी के कप्तान अनिल कुंबले ने भी फाइनल में अपनी फिर का दाल डेक्कन चार्जर्स के बल्लेबाजों पर ऐसा फेंका की सारे धुरंधर उसमें फास्ट चले गए फाइनली कुंबले ने महज 16 रन देकर कर विकेट चटकाए डीसी केवल 143 रन ही बना सके आरसीबी के गेंदबाजों ने

अपना कम कर दिया था और भारी थी बल्लेबाजों की अगले 20 ओवर ते करने जा रहे थे की आजकल 2009 की ट्रॉफी आरसीबी के पास आएगी या फिर डीसी के पास लेकिन आरसीबी के बल्लेबाज शायद घर लौट की जल्दी में थे एक-एक कर सब पवेलियन लौटते चले गए बल्लेबाजी इतनी खराब थी की मैं कर बल्लेबाजी दही का आंकड़ा ऊ सके हालांकि मैच कांटे क| लेकिन विकेट के रूप में विराट कोहली और मार्क वाउचर की पवेलियन लौट के बाद आरसीबी के जितने की उम्मीदें जाति रही आखरी मेंRobin utthappa ने कुछ हाथ पर करने की कोशिश जरूर की लेकिन वो ना काफी ने आईपीएल की पहले ट्रॉफी मैच छह रनों से करवा दीप कितने 5 साल 20 से दूर र जान का दर्द आरसीबी को भी सालता होगा जब अपने सफर को पीछे मुड़कर देखते होंगे की कासन में जीत गए होते तो आज एक भी आईपीएल किताब ना जीत अपने का मलाल तो ना होता इस सीजन में भी टीम की कप्तानी अनिल कुंबले नहीं की और दी ग्राउंड में 14 मोहन में से साथ बार जीते वो सीजन में आरसीबी सहित कर ऐसी टाइम थी जिनके पास चौथ प्वाइंट्स थे लेकिन बेहतर रन रेट के चलते आरसीबी सेमीफाइनल में जा पहुंची जहां उनका मुकाबला था मुंबई इंडियन सेमीफाइनल में मुंबई ने पहले खेलने हुए भारतीय रेड सौरभ तिवारी और केरल पोलर की दमदार परफॉर्मेंस

के चलते 184 रनों का स्कोर खड़ा कर दिया इस मैच में कुंभ है और केबिन पीटरसन को छोड़ आरसीबी के हर बॉलर की जमकर तोडाय हुई हालात इतने बुरे बने की विराट कोहली तक से बोलिंग करनी पड़ेगी गंगा में हाथ धोते हुए एक ओवर में 10 रन लोटा दिए खाने में जगह बनाने की राधे सुतरी और सीधी की टीम को इस बार बल्लेबाजी के चलते हर कम हो देखना पड़ा टीम 20 ओवरों में महज 149 नहीं बना सके इस तरह आरसीबी आईपीएल के सीजन में भी खाली हाथ रहे सीजन में टीम की कप्तानी डेनियल विटोरी को सोप गई सीजन की शुरुआत आरसीबी ने कोच्चि तस्कर्स केरला के खिलाफ शानदार जीत सके लेकिन अचानक की टीम की गाड़ी ट्रैक से उतार गई इसके बाद की तीनों मैच टीम बुरी तरह से हर गई और तभी तेज गेंदबाज डार्कनेस जोत के चलते टीम से है गए और फिर उसकी जगह जी खिलाड़ी ने ली वो खिलाड़ी नहीं बल्कि खिलाड़ी के भेस में एक तूफान था आईपीएल में वो तूफान विपक्षी टीमों के धुरंधर गेंदबाजों के लिए कल बन कर ए रहा था वो एक खिलाड़ी था जिसे सीजन में किसी भी टीम ने नीलामी में खरीदा नहीं था लेकिन इसे आरसीबी की खुशकिस्मती कहें की बाहर ए गए उनकी रिप्लेसमेंट के रूप में टाइम शामिल किया गए क्रिस पिछले सीजन तक कर का हिस्सा है गुल के अंदर आज भटक रही थी और आज और विकराल हो गई जब पहले मैच में उनका सामना कर से हो गया इस मैच में जेल नाम का वो तूफान आया इसके सामने केक यार की गेंदबाजों की धज्जियां उड़ गई स्मैश में महज 55 गेंद में 10 चोको और छह आसमान छूट छठ को की बदौलत 110 होती है आरसीबी मैच नो विकेट से जीत के गले ही नहीं रुक किंग इलेवन पंजाब के खिलाफ भी उनके बल्ले ने चढ़ाई कर दी बस ना इसमें गर्ल ने महजांचा ग्रो में 10 झन्नाटेदार चौकोन और नो मिसाइल नमन चाको की बदौलत स्कोर बोर्ड पर 107 रन दी गाल का आने का टीम पर यह फर्क पड़ा की टीम ने लगातार साथ मैं जीत लिए इस सीजन में लीग मैच खत्म होने के बाद आरसीबी अंक तालिका में पहले पायदान पर चढ़ गई थी पहले क्वालीफायर में आरसीबी का मुकाबला था सीएसके से लेकिन आरसीबी मैच हर गई दूसरे क्वालीफायर में आरसीबी के सामने थी मुंबई इंडियन पहले खेलने और कब ने 150 रनों का स्कोर खड़ा किया टीम के लिए 47 गेंद पर 89 रन चढ़े मुंबई के बल्लेबाजों की आरसीबी के बॉलर के सामने नहीं चलेगी और मुंबई 43 रनों से मैच हर गई 2009 के बाद फिर आरसीबी फाइनल में थी यानी किताब जितने का एक और सुनहरा अवसर इस बार टीम जी फॉर्म में थी उसे देखते हुए ये बहुत मुश्किल नहीं ग रहा था लेकिन इस बार उसका मुकाबला था पिछले बार की विजेता चेन्नई सुपर किंग चेन्नई की टीम ने पहले बैटिंग करते हुए 205 रनों का पहाड़ जैसा लक्ष्य खड़ा किया जिसके जवाब में आरसीबी की बैटिंग बुरी थर्ड है फाइनल हर गए किताब की तलाश में इतना लंबा सफर ते करने के बाद एक बार फिर आरसीबी के हाथ लगी निराशा और हताशा इन तीनों सीजन में आरसीबी की परफॉर्मेंस उम्मीद पर खड़ी नहीं उतरी तीनों ही सीजन में टीम ग्रुप स्टेज से बाहर होगी विराट कोहली जो की लगातार टीम के साथ पहले सीजन से जुड़े हुए थे उन्हें टीम की कमान सोप दी गई हालांकि शुरुआती दो सृजन्मन की कप्तानी में तीन कोई कमल नहीं दिखा सके लेकिन उनके बल्ले ने कमल जरूर दिखाए है 2015 सीजन काफी हद तक बेहतर रहा लेकिन बदकिस्मती से टीम का ये सीजन तीसरी पायदान पर ही दम तोड़ गया मार्च 2016 आईपीएल का नया सीजन शुरू होने में 1 महीना बाकी था तभी न्यूज़ चैनल पर एक ऐसी खबर आई जिसके चलते पूरा देश हिल उठा लोगों के लिए भरोसा करना मुश्किल था की एक अरबपति देश छोड़कर भाग चुका होगा उसे पर आप था बैंकों की करोड़ रुपए हड़पने और मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने का शायद उसमें अपने ऊपर लगी आरोपी का सामना करने की हिम्मत नहीं थी इसलिए उसने देश छोड़ना ही

ठीक समझा वो भगोड़ा कोई और नहीं बल्कि अब तक आरसीबी का मलिक रहा विजय माल्या था विजय माल्या की जगह अमृत थॉमस को रॉयल चैलेंजर्स का अध्यक्ष बना दिया गया है टीम ने अपना लोगो भी बादल दिया और इसके साथ ही आईपीएल इतिहास में पहले ऐसी टीम बन गई जिसने घरेलू और बाहरी माचो के लिए अलग-अलग जर्सी बनाई अब तक विराट कोहली तब कर चुके थे पहले सीजन का बाला गूगल रहा था टीम मेंchris gayle अकेले नहीं थे दोनों ने मिलकर सामने वाले गेंदबाजों पर कर बनकर टूटना शुरू कर दिया विराट ये साबित कर चुके थे की आरसीबी ने उन्हें यूं ही टीम में नहीं सुना था टीम ने सीजन में जबरदस्त खेल दिखाएं तीन ग्रुप स्टेज में अपने विरोधी टीमों को पठानी देते हुए मुकाबला था गुजरात मोबाइल से इसे आरसीबी ने कर विकेट से हराकर तीसरी बार फाइनल में जगह बना ली फाइनल में आरसीबी का मुकाबला था सनराइजर्स हैदराबाद से हैदराबाद ने 20 ओवर में 208 रनों का पहाड़ खड़ा कर दिया किताब जितने के लिए आरसीबी को इस पहाड़ पर चढ़ना ही नहीं बल्कि इससे पर भी करना था लेकिन आरसीबी और आरसीबी के फैंस को पुरी उम्मीद थी किस बार तो वो खाली हाथ नहीं लौटेंगे उनके भरोसे के पीछे की वजह से गर्ल और कप्तान विराट कोहली दोनों ने आते ही आते अपने हाथ खोल दिए गलो विराट ने गेंद को पुरी बहरी से कूटना शुरू कर दिया उसे दिन दोनों की जुगलबंदी देखते ही बन रही थी चाको में डील कर रहे थे भाई कोहली चौकी के साथ-साथ सिंगल डबल्स ले रहे थे जब ऐसा लगे लगा की आज यही दोनों पूरा मैच निपटा देंगे तभी गाल कहे आउट हो गए हैदराबाद की टीम में जश्न का माहौल था तो यह चिन्नास्वामी स्टेडियम वाराणसी भी के फैंस के सन्नाटा छ गया लेकिन जब आउट हुए का स्कोर 10 ओवर और कर गेंद में 114 रन हो चुका था यानी आउट होने से पहले से ज्यादा कम कर चुके थे और आठ गगन मेरी चाको की बदौलत क्षेत्र के थे और अब साड़ी नजर विराट कोहली

ने 54 रन बनाए इसके बाद हैदराबाद के अंदर से चक गई और तीसरी बार फाइनल में हर गई तीसरी बार भी फाइनल अजीत अपने का टीम को तगड़ा झटका लगा और अगले तीन सीजनों में ये टीम ग्रुप स्टेज से ही बार हो गई जबकि 2020 में तीन चौथ तो किस में तीसरी और 22 में फिर चौथ पायदान पर रही इसमें कोई दोहराने की आरसीबी लगातार खराब फॉर्म से जूझ रही है लेकिन इस टीम में दम था मौजूद है जिसे आईपीएल के किताब कहा हकदार तो बनती है लेकिन मंजिल के सामने आकर एकदम सतक जाना स्टीम की वो कमजोरी है जिससे उसे पर पन ही होगा हॉकी विराट कोहली 2021 सीजन के बाद ही टीम की कप्तानी छोड़ चुके हैं लेकिन यह वो का भी चुके हैं की जब तक आईपीएल खेलेंगे इसी टीम के साथ खेलेंगे अब देखना ये होगा की ख्वाब तू प्लेस की कप्तानी और कोहली जैसे खिलाड़ी के रहते हुए ये धीमे इस बार किताब जीत पाती है या एक बार फिर जोकर साबित होती है |

By Naveen

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