2014 में साइबेरिया के ऊपर से एक हेलीकॉप्टर गुर्जर रहा था तभी पायलट का ध्यान जमीन पर मौजूद एक अजीबो गरीब चीज ने अपनी तरफ खींच लिया एक बहुत बड़ा सिंह होल जिसकी चौड़ाई 80 फिट और गहराई 15 स्टोरी बिल्डिंग जितनी थी पायलट ने सिंक होल के करीब दो कर चक्कर लगाएं चंद फोटोस कैप्चर की और फिर वहां से चला गया लेकिन जब ये फोटोस इंटरनेट पर पोस्ट हुई तो यह खबर आपकी तरह पुरी दुनिया में फेल गई कई साइंटिस्ट जियोलॉजिस्ट और आर्थिक रिसचर्स ने आज से पहले इतना बड़ा सिंक होल कभी नहीं देखा था और वो भी जो रातों रात बन गया हो इसका वॉल्यूम इतना ज्यादा है की इसमें 10 ओलंपिक साइज के स्विमिंग पल्स का पानी भी आसानी से भारत जा सकता है पर यह अचानक बना कैसे यह एक्सप्लेन करना फिर हाल किसी के बस की बात नहीं थी एट लिस्ट यह फोटोस देखकर तो बिल्कुल नहीं| रसिया के नॉर्थ में वाकई साइबेरिया का ये हिस्सा यमल पेनिनसुला कहलाता है
यहां एक्सट्रीम कंडीशंस की वजह से आबादी ना होने के बराबर है पूरे यमल पेनिनसुला में सिर्फ चंद हजार खानाबदोश रहते हैं और उनकी लैंग्वेज में यमल का मतलब है जमीन का आखरी हिस्सा यमल के इससे होल की खबर के बाद आप एक जियोलॉजिस्ट ने यहां का रुख करना शुरू किया वैसे तो दुनिया में पहले भी कई बार सिंक होल्स बने हैं और कई तो शेरों के बीच में भी नमूदार हो चुके हैं कभी गाड़ियां निकलते देखें जाते हैं तो कभी-कभी पूरे के पूरे घर ये सिंक होल्स ज्यादातर पानी के बहन की वजह से बनते हैं क्योंकि पानी नीचे की जमीन को कमजोर बना देता है लेकिन जियोलॉजिस्ट का कहना है की यमल का यह सिंह होल किसी भी तरह से नॉर्मल नहीं लगता क्योंकि नॉर्मल सिंह होल्स का बॉर्डर फ्लैट होता है ना के उभरा हुआ और जैसा की नॉर्मल सिंक होल जमीन के हिस को अंदर निकाल लेट है यानी उसके अंदर से बाहर कुछ नहीं निकलता पर यमल के इस सिंक होल पर जब गौर किया गया तो इसकी एजेंसी भी उभरी हुई थी और इसका मालाबार दूर-दूर तक फैला हुआ था पत्थरों के टुकड़े 200 से लेकर 900 मी के रेडियस तक फाइल हुए पे गए इस तरह का मलबा वहीं देखने को मिलता है जहां कोई एस्टेरॉइड आकर गिरा हो पर रिसचर्स को सिंक होल के अंदर किसी एस्टेरॉइड के टकराने का कोई भी एविडेंस नहीं मिला सहीस्तानों का ख्याल है की ऐसा सिर्फ एक ही कंडीशन में हो सकता है एक बहुत बड़ा कुदरत धमाका नॉर्मली जमीन के अंदर उबालने वाला लावा इस किम के धमाके पैदा कर सकता है पर अगर यह सच है तो सिंक होल से बाहर निकालने वाला लावा या वोल्कानिक रॉक कहानी तो नजर आए लेकिन इनका वोल्कानो से दूर-दूर तक रिलेशन नहीं बंता फिर आखिर क्रेटर जैसा दिखने वाला ये सिंक होल बना तो बना कैसे यह जन के लिए इसके अंदर हवा पानी और मिट्टी के कुछ सैंपल्स कलेक्ट किया गए और इस बार साइंस दोनों को एक दिलचस्प सुराग मिल ही गया इन तमाम सैंपल्स को जब टेस्ट किया गया तो इसमें एक चीज बहुत ज्यादा क्वांटिटी में पी गई मीथेन गैस खाना पकाने और गरमाइश के लिए इस्तेमाल होने वाली मीथेन एक नेचुरल गैस होती है जो की कार्बन और हाइड्रोजन के साथ मिलकर बंटी है
अगर ये ज्यादा क्वांटिटी में हो तो हवा से मिलने पर इसमें फौरन और भड़क उठाती है अब इस बात के काफी ज्यादा चांसेस थे की यह सिंक होल जमीन से निकालने वाली मीथेन गैस की वजह से बना था यह मिस्ट्री अब साइंस दोनों के लिए खत्म हो चुकी थी और उनका इस मामले की गहराई तक जान में कोई इंटरेस्ट नहीं बच्चा था पर इससे पहले की वह यह जानते हैं की इतनी ज्यादा जो मीथेन गैस आई कहां से है जमाल पेनिनसुला पर ही आठ माजिद सिंह होल्स बरामद हो गए ये सारे सिंक होल्स भी से इस तर्ज के बने हुए थे की जैसे यहां कोई धमाका हुआ हो जब सैटेलाइट इमेज में देखा गया तो मालूम पड़ा की 2014 के बाद यहां एक के बाद एक सिंक होल्स बनते जा रहे हैं तेजी से बने वाले सिंक होल्स आखिर किस चीज का इशारा दे रहे थे सैतान ये जन के लिए अब फिक्रमंद होने लगे लेकिन इससे भी ज्यादा बेचैन करने वाली चीज ये थी की इन तमाम सिंक होल्स का क्लाइमेट चेंज के साथ बहुत बड़ा कनेक्शन था 2014 में यहां सबसे पहले सिंह हाल बना था और उसके अगले ही साल साइबेरिया में रिकॉर्ड है टेंपरेचर नोटिस किया गया और बाकी तमाम सिंक होल्ड्स भी इसी हाय टेंपरेचर के दौरान ही बने थे 19वीं साड़ी की शुरुआत से लेकर आज तक पुरी दुनिया का एवरेज टेंपरेचर वन डिग्री सेल्सियस है लेकिन आर्कटिक सर्किल में टेंपरेचर बढ़ाने की स्पीड डबल है तो अब साइंस दान यह सोने पर मजबूर हो गए की इन सिंह होल्स का क्लाइमेट चेंज के साथ क्या कनेक्शन है और अर्थ का फ्यूचर क्या होगा अगर ये एक एक करके पढ़ने गए एक तरफ यमल के सिंह होल्स पर गहरी रिसर्च चल रही थी तो दूसरी तरफ यमल से बहुत दूर आर्कटिक सर्किल में ही संस्थाओं की एक दूसरी टीम को कुछ अनोखा देखने को मिला जो शायद यमल के सिंह होल की पहेली को सुलझाने की सबसे हम कड़ी थी अलास्का के नॉर्थ वेस्ट कास्ट के करीब इजी लेख है जो लोकल्स के मुताबिक कुछ मीना से बहुत और बिहेव कर रही है इजी लेक के अंदर से बबल्स निकाल रहे हैं जैसा की पानी बो हो रहा हो इस मिस्त्री की खोज में साइन स्थान की एक टीम यहां पर ए पहुंची इन बबल्स के सैंपल्स लिए गए तो मालूम पड़ा की यह भी मीथेन गैस के बस है आर्कटिक में हॉकी फुलकी मीथेन गैस का लिक होना एक बहुत आम बात है लेकिन इस कैसे में हैरानी की बात ये थी की इजी लेख से हर रोज 10 तन मीथेन निकाल रही थी पूरे आर्कटिक रीजन में ये पहले बार हो रहा था की कहानी से इतनी ज्यादा मीथेन गैस निकली हो रिसर्च टीम ने इजी लेक में पानी के अंदर जाकर मीथेन गैस का सोर्स देखने का फैसला किया
वैसे तो इजी लेक 3 फुट गहरी है लेकिन जी जगह से बबल्स निकाल रहे थे वो जगह बहुत ज्यादा दीप थी जहां डायवर्स का जाना मुमकिन नहीं था लिहाजा सुंदर स्कैनिंग की मदद से इजी लेख के नीचे जमीन का एक 3d मॉडल बनाया गया मालूम पड़ा की जहां से बबल्स निकाल रहे हैं वहां लेख 50 फिट तक दीप हो जाति है एक तरफ यमल में सिंक होल्स के बने की वजह भी मीथेन गैस ही बताई जा रही थी दूसरी तरफ इजी लेख के नीचे से भी बहुत ज्यादा क्वांटिटी में मीथेन गैस लिक हो रही थी यह दोनों लोकेशन आर्कटिक सर्किल में ही आई है और तो और इन दोनों के बीच में एक चीज और भी आम है वो ये की ये दोनों लोकेशंस जमीन की ऐसी किम के ऊपर मौजूद हैं जिसको परम फ्रॉस्ट कहा जाता है बर्मा रोस्ट उसे किम की जमीन को कहते हैं जो अंदर से पुरी तरह से फ्रोजन हो जमी हुई हो यह बहुत बड़े एरिया पर फैली हुई जमीन है जिसमें रसिया कनाडा और अलास्का का काफी हिस्सा शामिल है रिसेंट रिसर्च से मालूम पड़ा है की आर्कटिक सर्किल में टेंपरेचर बढ़ाने की वजह से बर्मा फ्रॉस्ट अब पिघलना शुरू हो गया है यानी जी जमीन पे लेग्स पहाड़ रिवर्स और जंगलात के साथ साथ इंसान के बनाए हुए स्ट्रक्चर्स खड़े हो वो अंदर से मेल्ट हो जाए तो इसके नतीजा में जो कुछ होगा उसको इमेजिन करना भी काफी मुश्किल है परम फ्रॉस्ट की मेल्टिंग का सबूत इजी लेख से 600 किलोमीटर दूर अलास्का में फॉक्स टाउन के करीब जंगलात में छुपा हुआ है यह जंगल भी परम फ्रॉस्ट के ऊपर मौजूद है जहां लोकल्स ने नोटिस किया है की जंगल की तरफ अचानक से एक तरफ को झुक गए हैं ऐसा मालूम होता है की जैसे इन दख्तों की जे कमजोर हो गई हो इसके अलावा जंगल में दीप जान पर मालूम पड़ा की यहां की जमीन भी धंसी हुई है और एक अजीब सा सुर्ख जमीन में बन चुका है इस सुराग के अंदर पानी गिरने की आवाज लगातार सुने देती है जबकि आसपास ना कोई पानी का चश्मा है ना ही कोई लेख ये इतना बड़ा चेंज कई सदियों से नहीं हो रहा बल्कि यह सिलसिला सिर्फ 2018 के बाद से शुरू हुआ है पर सवाल यह है की बर्मा
फ्रॉस्ट के पिघलने का मीथेन गैस और यमल के सिंक होल से क्या कनेक्शन है इस चीज को समझना के लिए फिर बैंक अलास्का में बर्मा फ्रॉस्ट के अंदर ही एक टनल खुदा गया इस टनल के अंदर क्या देखा जाता है की जमी हुई जमीन के साथ साथ और जानवरों के ढांचे भी जेम हुए हैं जिसमें और हजारों साल पुरानी घास भी प्रिजर्व हो राखी है इससे यह जहीर होता है की बर्मा फ्रॉस्ट के अंदर ऑर्गेनिक मटर की भी बहुत ज्यादा क्वांटिटी है ये तो आप सबको मालूम होगा की तमाम ऑर्गेनिक मटर के अंदर कार्बन होता है जैसे जैसे पौधे उगते हैं तो वो एटमॉस्फेयर में से कार्बन डाइऑक्साइड
अब्जॉर्ब कर लेते हैं और जब ये मा जाते हैं तो दी कंपोजर के दौरान इनमें से कुछ कार्बन वापस एटमॉस्फेयर में रिलीज हो जाता है लेकिन आर्कटिक सर्किल में फ्रीजिंग टेंपरेचर की वजह से डीकंपोजिशन का प्रोसेस बहुत स्लो होता है इसलिए हजारों सालों के आर्स के दौरान बहुत सारे ऑर्गेनिक मटर अब परम फ्रॉस्ट के अंदर प्रिजर्व्ड है यानी इनकी बॉडी इस अभी दी कंपोज नहीं हुई और इनके अंदर अभी भी कार्बन मौजूद है एक्सपट्र्स का मानना है की आप एक परम फ्रॉस्ट के अंदर जितना कार्बन है उतना शायद पूरे अर्थ के तस्वीर में भी ना हो लिहाजा ग्लोबल टेंपरेचर राइस की वजह से जैसे-जैसे बर्मा फ्रॉस्ट पिघलता जा रहा है उसके अंदर मौजूद ऑर्गेनिक मटर यानी फॉसिल्स भी कंपोज हो रहे हैं बैक्टीरिया इनके कार्बन को अपनी एनर्जी के लिए खाता हैं और फिर बदले में मीथेन गैस रिलीज करते हैं इसके अलावा बर्मा फ्रॉस्ट पिघलने की वजह से जमीन भी सॉफ्ट हो रही है और अब इसके नीचे फैंसी हुई मीथेन गैस को ऊपर तक आने में किसी रुकावट का सामना नहीं करना पड़ता गैस आसानी से नम मिट्टी में अपना रास्ता बनती बनती सरफेस के वीक पॉइंट से भटकर बाहर ए जाति है यह सिंह होल्स इसी गैस के निकालने की वजह से बने हैं यही वजह है की आर्थिक सर्किल में इन सिंक होल्स की तादाद दिन-ब-दिन बढ़नी जा रही है एक्सपट्र्स के नजदीक इस मसाले का अब तक कोई सॉल्यूशन नहीं निकाला गया बेशक हम ग्लोबल वार्मिंग पे कितना भी कंट्रोल कर ले बर्मा फ्रॉस्ट को पिघलने से नहीं रॉक सकते |