सफलता का रहस्य एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक भिन्न हो सकता है, लेकिन कुछ आम तत्व हैं जो अक्सर सफलता की ओर ले जाते हैं:
- स्पष्ट लक्ष्य: अपने लक्ष्यों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करें। यह आपको एक दिशा देता है और आपको अपनी प्रगति का मूल्यांकन करने में मदद करता है।
- समर्पण और लगन: सफलता के लिए समर्पण और लगन की आवश्यकता होती है। आपको अपने लक्ष्यों को पाने के लिए समय और प्रयास लगाना पड़ेगा।
- सीखने की इच्छा: हमेशा सीखने के लिए खुले रहें। नए कौशल और ज्ञान आपको बेहतर निर्णय लेने और चुनौतियों का सामना करने में मदद करेंगे।
- सकारात्मक सोच: सकारात्मक सोच आपको चुनौतियों का सामना करने और असफलताओं से उबरने में मदद करती है।
- समय प्रबंधन: अपने समय का effecient उपयोग करें। प्राथमिकताओं को स्पष्ट करें और अपने दिन का नियोजन करें।
- संबंधों का निर्माण: सक्षम नेटवर्किंग और संबंधों का निर्माण आपको अवसरों और सहयोग प्रदान कर सकता है।
- लचीलापन: परिस्थितियों में बदलाव के लिए तैयार रहें। लचीलापन आपको नए अवसरों का लाभ उठाने और चुनौतियों का सामना करने में मदद करता है।
- स्वास्थ्य और कल्याण: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें। एक स्वस्थ शरीर और मन आपको बेहतर प्रदर्शन करने में मदद करता है।
- नेतृत्व कौशल: चाहे आप एक टीम का नेतृत्व कर रहे हों या अपने जीवन में, नेतृत्व कौशल आपको बेहतर निर्णय लेने और दूसरों को प्रेरित करने में मदद करते हैं।
- धैर्य और उत्साह: सफलता एक दीर्घकालिक प्रक्रिया है। धैर्य और उत्साह आपको लंबे समय तक अपने लक्ष्यों पर काम करने में मदद करता है।
ये तत्व आपको सफलता की ओर ले जाने में मदद कर सकते हैं, लेकिन याद रखें कि सफलता का मतलब व्यक्ति से व्यक्ति तक अलग-अलग हो सकता है। अपने लक्ष्यों और मूल्यों के अनुसार अपनी सफलता की परिभाषा करें।
एक बार एक नौजवान लड़के ने सुकरात से पूछा कि सफलता का रहस्य क्या है?
सुकरात ने उस लड़के से कहा कि तुम कल मुझे नदी के किनारे मिलो. वो मिले. फिर सुकरात ने नौजवान से उनके साथ नदी की तरफ बढ़ने को कहा.और जब आगे बढ़ते-बढ़ते पानी गले तक पहुँच गया, तभी अचानक सुकरात ने उस लड़के का सर पकड़ के पानी में डुबो दिया.
लड़का बाहर निकलने के लिए संघर्ष करने लगा , लेकिन सुकरात ताकतवर थे और उसे तब तक डुबोये रखे जब तक की वो नीला नहीं पड़ने लगा. फिर सुकरात ने उसका सर पानी से बाहर निकाल दिया और बाहर निकलते ही जो चीज उस लड़के ने सबसे पहले की वो थी हाँफते-हाँफते तेजी से सांस लेना.
सुकरात ने पूछा ,” जब तुम वहाँ थे तो तुम सबसे ज्यादा क्या चाहते थे?”
लड़के ने उत्तर दिया,”सांस लेना”
सुकरात ने कहा,” यही सफलता का रहस्य है. जब तुम सफलता को उतनी ही बुरी तरह से चाहोगे जितना की तुम सांस लेना चाहते थे तो वो तुम्हे मिल जाएगी” इसके आलावा और कोई रहस्य नहीं है.
दोस्तों, जब आप सिर्फ और सिर्फ एक चीज चाहते हैं तो more often than not…वो चीज आपको मिल जाती है. जैसे छोटे बच्चों को देख लीजिये वे न past में जीते हैं न future में, वे हमेशा present में जीते हैं…और जब उन्हें खेलने के लिए कोई खिलौना चाहिए होता है या खाने के लिए कोई टॉफ़ी चाहिए होती है…तो उनका पूरा ध्यान, उनकी पूरी शक्ति बस उसी एक चीज को पाने में लग जाती है and as a result वे उस चीज को पा लेते हैं.
इसलिए सफलता पाने के लिए FOCUS बहुत ज़रूरी है, सफलता को पाने की जो चाहता है उसमे intensity होना बहुत ज़रूरी है..और जब आप वो फोकस और वो इंटेंसिटी पा लेते हैं तो सफलता आपको मिल ही जाती है.
फोकस के महत्त्व को समझने के लिए इस पोस्ट को ज़रूर पढ़ें:
ऐसा क्यों होता है कि कई बार सब कुछ होते हुए भी हम वो नहीं कर पाते जिसको करने के बारे में हमने सोचा होता है ….दृढ निश्चय किया होता ……खुद को promise किया होता है कि हमें ये काम करना ही करना है …चाहे जो हो जाए ….!!!
“सब कुछ होते हुए” से मेरा मतलब है आपके पास पर्याप्त talent, पैसा , समय , या ऐसी कोई भी चीज जो उस काम को करने के लिए ज़रूरी है ; होने से है .
2009-10 में मैंने अपने दोस्तों के साथ मिल कर Bodhitree Consulting Group (BCG) की शुरुआत की थी , इसके अंतर्गत हमने कुछ Personality Development ओर Quizzing से related programs भी किये , जो काफी पसंद किये गए ,….पर within 6-7 months BCG को बंद करना पड़ा .
आज जब मैं इस बारे में सोचता हूँ कि आखिर BCG क्यों unsuccessful रहा …तो मुझे ऐसी कोई वजह नहीं दिखती जो इस ओर इशारा करे की हमारे team में Talent, Time , या पैसे की कमी थी ….हमारे अन्दर जोश भी काफी था ….पर फिर भी हम इस venture को successful नहीं बना पाए .
तो आखिर वजह क्या थी ?
वजह थी FOCUS.
चूँकि BCG शुरू करने का initiative मेरा ही था इसलिए मुझे इसपर पूरी तरह से अपना ध्यान केन्द्रित करना चाहिए था …..पर मैं उस वक़्त अपनी Tata Aig की जॉब में इतना अधिक involve था कि मैं BCG पर focus नहीं कर पाया …और सबकुछ होते हुए भी हम इसे सफल नहीं बना पाए .
यह एक शाश्वत सत्य है कि सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में हम जिस चीज पर ध्यान केन्द्रित करते हैं उस चीज में आश्चर्यजनक रूप से विस्तार होता है . इसलिए सफल होने के लिए हमें अपने चुने हुए लक्ष्य पर पूरी तरह से focussed होना होगा ; और तभी हम उसे हकीकत बनते देख पायेंगे .
Focus करने का क्या अर्थ है ?
एक idea लो . उस idea को अपनी life बना लो – उसके बारे में सोचो उसके सपने देखो , उस idea को जियो . अपने दिमाग , muscles, nerves, शरीर के हर हिस्से को उस आईडिया में डूब जाने दो , और बाकी सभी ideas को किनारे रख दो . यही सफल होने का तरीका है , यही वो तरीका है जिससे महान लोग निर्मित होते हैं .
Friends, उपरोक्त कथन Swami Vivekananda के हैं और मुझे लगता है कि Focus शब्द को शायद ही इससे अच्छे ढंग से समझा जा सकता है .
इस कथन में जहाँ स्वामी जी ने किसी एक आईडिया को अपनाना आवश्यक बताया है वहीँ दूसरी तरफ इस दौरान अन्य ideas को किनारे रखने के लिए भी कहा है. और सही मायने में यही है Focussed होना.
Focus करता क्या है ?
आपने बचपन में lens ज़रूर use किया होगा ….lens देखने में तो एक साधारण कांच का टुकड़ा लगता है …पर जब हम उसे कागज़ के किसी एक हिस्से पर focus करते हैं तो थोड़ी देर में वो कागज़ जलने लगता है …..
Focus चीजों को संभव बनाता है ….जब आप भी अपने goal पर focused रहते हैं तो मार्ग में आने वाली बाधाएं जल कर ख़ाक हो जाती हैं , आपका रास्ता साफ़ हो जाता है , और आप अपना goal achieve कर पाते हैं . Focus आपको सिर्फ यह नहीं बताता कि करना क्या है , यह भी बताता है कि क्या नहीं करना है .Focus आपको आपके goal से बांधता ही नहीं , आपको बेकार की चीजों में बंधने से बचाता भी है .
क्या Focused रहना आसान है ?
नहीं , अपना focus बनाये रखने के लिए बहुत सी चीजों को बदलना पड़ता है ; including better job opportunities, foreign travel breaks, other promising income generating ideas, etc. Friends, अगर आपको कुछ World Class करना है तो आपको पूरी तरह से उस काम में डूबना होगा और तब तक लगे रहना होगा जब तक की आप अपने efforts को physical reality में तब्दील होते हुए ना देख लें .बीच में बहुत सारे distractions आयेंगे ; पर उस वक़्त आपको अपना focus नहीं loose करना है ….और ऐसा तभी संभव होगा जब आप अपने काम या idea में पूरी तरह से believe करते हैं . इस मुश्किल समय में जब mind में self doubt आने लगता है तब आपका belief system ही आपको distract होने से बचा सकता है . इसलिए काम शुरू करने से पहले ही आप उस पर अच्छी तरह से सोच विचार कर लीजिये , in fact आप अपने friends को आपको उस idea या plan को लेकर challenge करने के लिए भी कह सकते हैं . और अगर कोई भी तर्क -वितर्क आपकी आईडिया को लेकर आपके अन्दर doubt डालता है तो आप उस पर पुनः विचार कर सकते हैं . कुछ शुरू करने से पहले आपका अपने काम के successful होने पर believe करना बहुत ज़रूरी है आगे यही आपके FOCUS को उस पर बनाये रखने में मदद करेगा .
तो क्या focus करने का ये मतलब है कि हम और कोई काम करे ही नहीं ?
नहीं , आप और काम करते हुए भी अपना focus किसी एक चीज पर बनाये रख सकते हैं . For example: Mahendra Singh Dhoni Railways में TTE की job करते थे पर फिर भी उनका focus cricket था . आप रोज TV पर कितने ही singers और dancers को देखते हैं , वो भी और लोगों की तरह पढने जाते हैं या job करते हैं पर उनका focus तो singing या dancing होता है . इसी तरह मैंने आपके साथ World’s Youngest CEO , Suhas Gopinath की story share की थी , पढाई करते वक़्त भी उनका focus अपनी company establish करने का था ; और इसी एकाग्रता के दम पर उन्होंने छोटी सी उम्र में multi million dollar company खड़ी कर दी.
देखिये , जब तक आपके मन का काम आपको financially support नहीं करने लगता तब तक कुछ ना कुछ तो करते रहना होगा ….पर ध्यान देने की बात ये है कि आपको और चीजों को सिर्फ करना है …पर आपने अपने लिए जो Goal decide किया है उसे achieve करने के लिए आपको उसमे डूबना है , और यही आपकी success और failure के बीच का सबसे बड़ा differentiator होगा.
इतना याद रखिये कि अपने जीवन में एक normal focussed व्यक्ति एक talented unfocussed व्यक्ति से कहीं ज्यादा achieve कर सकता है . और सच पूछिए तो अगर हमने इस अनमोल जीवन को छोटी – मोटी चीजें करने में ही बिता दिया तो हमारे life की कोई value नहीं रहेगी …..हमारी अपनी नज़रों में भी ….इसलिए बड़े लक्ष्य बनाइये और उस पर focussed होकर उसे achieve करिए ….तभी जीने का असली मजा है .