मैं अपनी जिंदगी के 55 साल माधुरी में उतरने वाला स्टीफन हाकिंग ना ही चल-फिर सकता था ना ही कहां पी सकता था और हत्या के अपनी आवाज तक भी निकाल नहीं सकता था उनके हैरतअंगेज तौर पर वह एक कंप्यूटर की मदद से लोगों से बात किया करता था अपनी ज्यादातर ट्यूर्स और प्रिडिक्शंस सच्ची साबित करवाने वाला स्टीफन हॉकिंग अब इस दुनिया में तो नहीं है लेकिन अपने मरने से पहले इसने अर्थ पर तबाही की कुछ ऐसी भयानक प्रिडिक्शंस की थी जो अगर सच्ची साबित हो गई तो अगले दो सालों में हमारी दुनिया का नामोनिशान भी नहीं रहेगा| 21 साल की उम्र में स्टीफन हॉकिंग को एक ऐसी बीमारी ने घेर लिया जो ज्यादातर 50 साल से ज्यादा की एवज में लोगों को होती है और वह इंसान की जान लेकर ही छोड़ती है डॉक्टर्स की तरफ से स्टीफन पर यह खबर बिजली बनकर गिरी के उसके पास जिंदा रहने के लिए अब सिर्फ 12 साल बचे हैं वह जिसे जिंदगी ने सिर्फ दो साल की मोहलत दी थी उसने इस बीमारी के साथ 55 साल गुजार कर डॉक्टर्स को बिल्कुल गलत साबित कर दिया उसने अपनी बीमारी को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया बल्कि वह अपनी बीमारी को अपनी ताकत बनाना चाहता था बीमारी की वजह से यह वह चलने-फिरने खाने-पीने और हफ्ता के बोलने तक भी का सिर तथा एक्टिव की मदद से यह वह खाना खाता था और दूसरी ट्यूब की मदद से वह सांस लेता था जब के बोलने के लिए उसकी व्हील चेयर पर ही एक खास कंप्यूटर लगाया गया और अपने जबड़े के एक छोटे मसल की मदद से वह कंप्यूटर पर टाइपिंग किया करता था जिसको कंप्यूटर आवाज में बदलकर उसकी फीलिंग्स को लोगों तक पहुंचा था इसके तकरीबन सारे ही बॉडी पार्ट्स काम करना छोड़ चुके थे लेकिन एक चीज इसके पास ऐसी थी जो नार्मल इंसानों से भी ज्यादा स्ट्रोंग थी इस स्टीफन हॉकिंग के पास एक एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी प्रेम था जिसमें सोच है और समझने की सलाहियत आम इंसानों से कई गुना ज्यादा थी व्हीलचेयर पर बैठे इसने आर्ट बुक्स पब्लिश्ड की और आइंस्टाइन के बाद दुनिया के दूसरे बड़े संस्थान की हैसियत से इसने यूनिवर्स के ऐसे राज्यों का पर्दाफाश किया जिसने दुनिया को हिलाकर रख दिया था इस स्टीफन हॉकिंग ने दुनिया के सामने एक कई ऐसी थ्योरी स्पेस की जो वाकई सच्ची साबित हुई जिसमें ब्लैक होल की एग्जांपल भी शामिल है जहां इनकी फ्यूरियस ने दुनिया भर के साइंटिस्ट और रिसर्चर्स को हैरान कर रखा था वहीं स्टीफन हॉकिंग की कई ऐसी प्रिडिक्शंस भी है जिन्होंने सबको हॉप सदा कर रखा है इन भयानक प्रिडिक्शंस में स्टीफन हाकिंग ने बताया था कि हमारा प्लैनेट अर्थ और इसमें रहने वाले इंसान कब बगैर कैसे खत्म होंगे आइए जानते हैं इन छह प्रिडिक्शंस के बारे में नंबर सिक्स स्टीफन हॉकिंग का मानना था कि इंसान को सबसे बड़ा खतरा स्पेस से आने वाली किसी आफत से नहीं बल्कि खुद इन रूम से ही है 2016 में उन्होंने कहा था कि मुख्तलिफ वायरस से बचने के लिए जो व्यक्ति इस बनाई जा रही हैं उनमें कई जेनेटिकली मॉडिफाइड भी है यानी वह वायरस के डीएनए को ऑडिटर करके बनाई जाती है ताकि वह वायरस इंसान पर असर ना करें हॉकिंग का मानना था कि इस किस्म की वैक्सींस वक्ती तौर पर तो इंसान के लिए फायदेमंद होती है क्योंकि उस वायरस का अफेक्ट इंसान पर नहीं होता लेकिन long-term मैं यह इंसानों के डीएनए को चेंज करके हमेशा हमेशा के लिए इन्हें खत्म भी कर सकती है आजकल फार्मासिस्ट कई जानलेवा वायरस को मिलाकर एक सिंगल शॉट वैक्सींस बनाने लगे हैं जिसकी जीती-जागती मिसाल रोटा एक वैक्सीन है जो असल में न्यू बोर्न बेबी इसको रोटावायरस से बचाने के लिए बनाई गई थी यह वैक्सीन गाय और इंसान के डीएनए को ऑडिटर करके बनाई गई थी यह बच्चों को रोटावायरस से तो मैं फोन रखती है लेकिन इसके long-term नुक्सानात है या नहीं यह तो वक्त ही आधार नंबर पांच स्टीवन हॉकिंग ने अपनी बचपनशाला बीमारी के दौरान यूनिवर्स पर काफी रिसर्च की और वह इस नतीजे पर पहुंचे अर्थ के अलावा भी जिंदगी मौजूद है और एक ना एक दिन वह एलियंस हमारे प्लैनेट पर कब्जा कर लेंगे यह आपको यह बताते चलें कि साइंटिफिक चोरी के हिसाब से यह यूनिवर्स एक बिग बैंक के नतीजे में बनी थी लेकिन हॉकिंग की धुरी इससे थोड़ी अलग थी उनका मानना था कि सिर्फ एक बिगबैंग नहीं हुआ था बल्कि कई और बिग बैंक भी हुए थे और हर एक के नतीजे में अलग-अलग यूनिवर्स बनी थी यानी आसान अल्फ़ाज़ में बात की जाए तो हॉकिंग पैरेलल यूनिवर्स पर यकीन रखते थे बेशक अभी तक किसी और यूनिवर्स के होने का कोई सबूत तो नहीं है लेकिन हॉकिंग का मजबूत यकीन था कि किसी दिन अर्थ पर एलियंस हम पर स्टडी करने आएंगे और आहिस्ता-आहिस्ता अर्थ पर कब्जा कर लेंगे नंबर फोर 2018 में अपनी मौत से सिर्फ दो हफ्ते पहले स्टीफन हाकिंग अपनी एक से ज्यादा यूनिवर्स की थ्योरी को प्रूव करने के लिए फाइनल रिसर्च पेपर पब्लिक है जिसका नाम था इस स्मूथ एग्जिट फ्रॉम इंटरनल इन्फ्लेशन जिसमें हॉकिंग ने बताया था कि हमारी यूनिवर्स एक पिक बैंक के नतीजे में तो बनी थी लेकिन वह अभी तक एक्सपैंड होती जा रही है और एक वक्त ऐसा भी आएगा जब हमारी यूनिवर्स को मस्जिद एक्सटेंड करने के लिए एनर्जी कम पड़ जाएगी उस वक्त सारे स्टार आहिस्ता-आहिस्ता भूल जाएंगे और हर तरफ सिर्फ अंधेरा ही अंधेरा फ़ैल जायेगा उनका मानना था कि यही वह वक्त होगा जब हमारी पूरी की पूरी यूनिवर्स अपने दी एंड पर पहुंच जाएगी शॉपिंग का मानना था कि अगर इंसानों को अपनी नस्ल खत्म नहीं करनी तो इनको जल्द से जल्द पैरेलल यूनिवर्स तलाश करके वहां किसी प्लेट में जाकर बचना चाहिए नंबर तीन विशेषज्ञ स्टीफन हॉकिंग बोध एक रोबोटिक व्हीलचेयर के सहारे ही था लेकिन वह इन रोबोट्स का सबसे बड़ा मुख्यालय ही था रोबोट्स वैसे तो इंसान के काम को आसान बनाने के लिए तैयार किए जाते हैं लेकिन इन में दिन-ब-दिन एडवांसमेंट आती जा रही है आजकल तो कई ऐसे रिपोर्ट भी बनाए जाने लगे हैं जो आर्टिफिशल इंटेलिजेंस की मदद से ऐसे ऐसे काम कर सकते हैं जो इंसान सोच भी नहीं सकता स्टीफन हॉकिंग ने ट्वीट किया था कि एक दिन रिपोर्ट्स इतने पावरफुल हो जाएंगे कि वह खुद दूसरे रिपोर्ट्स को भी बना सकेंगे इंसानों के अंदर जो इंटेलिजेंस होती है वह लिमिटेड होती है जैसा कि इंसान एक ही वक्त में सिर्फ एक तरफ देख सकता है यह फिर एक वक्त में सिर्फ एक ही काम कर सकता है लेकिन रिपोर्ट्स की इंटेलिजेंस किसी भी हद तक बढ़ाई जा सकती है जिनसे इंसान का मुकाबला करना नामुमकिन हो जाता है इस किस्म की रिपोर्ट्स की जीती-जागती मिसाल इजरायल आयरन डोम में पाई जाती है जो कि एक हाईली इंटेलीजेंट एयर डिफेंस सिस्टम है यह आयरन डोम एक ही वक्त में दर्जनों मिसाइल को हवा में ही निशाना बनाकर हार्ट्स हुआ है ना सिर्फ इतना बल्कि इसके अंदर का रिपोर्ट सिर्फ एक मिली सेकंड के टाइम में यह पता लगा लेता है कि कौन सा मिसाइल पापुलेटेड एरिया में करेगा ताकि उसको पहले निशाना बनाया जाए स्टीफन हाकिंग ने प्रिडिक्शन दी थी कि एक दिन रोबोट्स इतने ज्यादा पावरफुल हो जाएंगे यह वह इंसान को अपने कंट्रोल में लेने की कोशिश करेंगे और फिर कामयाब भी हो जाएंगे नंबर टू यह बात तो हम सब जानते हैं कि इंसान की फितरत में गुस्सा और लड़ाई झगड़ा मौजूद है जिसके कम होने का कोई चांस नजर नहीं आता इस लड़ाई झगड़े की एक रिसेंट एग्जांपल रशिया और यूक्रेन की और में देखी जा सकती है अपने लड़ाई झगड़े को सपोर्ट करने के लिए इंसान ने ऐसे जानलेवा हथियार भी बनाए हैं जो एक ही पल में पूरी दुनिया से इंसानियत को खत्म कर सकते हैं इनको वेपंस आफ मैस डिस्ट्रक्शन भी कहा जाता है वार्डो में जापान के शहर हिरोशिमा और नागासाकी पर अमेरिका ने दो अलग एटॉमिक बॉम्बस गिराएं जिसके नतीजे में वहां आज तक उसके साइड इफेक्ट्स पाए जाते हैं स्टीफन हॉकिंग ने प्रेरित किया था कि अगर इंसानों ने एक साथ रहना ना सिखा तो एक दिन यह आपस में ही लड़ेंगे और अपने बालों पर ही कुल्हाड़ी मारकर न्यूक्लियर वॉर स्टार्ट कर देंगे जो इस दुनिया का आखिरी दिन होगा और अब नंबर वन स्टीफन हॉकिंग की प्रिडिक्शंस मैसेज सबसे खौफनाक है ग्लोबल वार्मिंग और किंग का यकीन था कि अगर यह दुनिया बाकी तमाम चीजों से बच भी गई तो आने वाले थे सो सालों में यहां पर इंसानों का रहना नामुमकिन हो जाएगा उस वक्त सारे जंगलात जल चुके होंगे समंदर का पानी एवं रेट हो चुका होगा और इंसान का नामोनिशान भी नहीं बचेगा इसकी सबसे बड़ी वजह बढ़ती हुई आबादी और ना काबले यकीन हद तक फसल फ्यूल्स का इस्तमाल होगा और किंग का कहना था कि अगले छह सालों में अर्थ की वैसी ही कंडीशन होगी जैसी अभी विंटर्स पर है में का एवरेज टेंपरेचर 250 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाएगा आसमान से पानी की जगह सल्फ्यूरिक एसिड बरसात करेगा और आग बरसाती गर्म हवाओं की रफ्तार 360 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच जाएगी यह गरमाइश इतनी ही है जितनी खाना पकाने के लिए एक ओवन में सेट की जाती है नजर जैसे स्टीफन हॉकिंग ने डॉक्टर्स की दी गई सिर्फ दो सालों की मोहलत को बचपन सालों में बदल लिया ऐसे ही हम सब भी अपने अर्थ की लाइफ सिर्फ एक तरफ लगा कर बढ़ा सकते हैं |

By Naveen

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