1965 में सहारा डेजर्ट के ऊपर से एक स्पेसक्राफ्ट गुजर रहा था इसमें बैठे दो एस्ट्रोनॉट्स बड़ी हैरानी से जमीन की तरफ देख रहे थे उनको सहारा के बीचोंबीच एक ऐसी चीज नजर आ चुकी थी जिस पर यकीन लाना काफी मुश्किल था यह दोनों एस्ट्रोनॉट्स जेम्स मैकडेविड और एडवर्ड वाइट थे जिन्होंने रेत से भरे रेगिस्तान में एक बहुत बड़ी इंसानी आंख जैसा स्ट्रक्चर देखा हैरत अंगेज तौर पे इसके बीच में सानी आंख जैसी एक पुतली भी मौजूद थी इस आंख की लंबाई 265 किमी और चौड़ाई 70 किमी है इसका टोटल एरिया
18500 स्क्वा किमी से भी बड़ा है यानी इसमें मुंबई जैसी 30 सिटीज और कराची जैसी पांच सिटीज आसानी से फिट आ सकती हैं जबकि इसकी पुतली जो कि एक परफेक्ट गोल शेप में है इसका डायमीटर 40 किमी है इतने बड़े इस अनोखे और मिस्टीरियस स्ट्रक्चर को सिर्फ स्पेस से ही देखा जा सकता है और यह आई ऑफ सहारा या फिर रिचड स्ट्रक्चर के नाम से पहचाना जाता है यहां आपको लग रहा होगा कि यह किसी बहुत बड़े एस्टेरॉइड इंपैक्ट का निशान है पर हकीकत में ऐसा नहीं है यहां साइंटिस्ट को आज तक किसी एस्टेरॉइड इंपैक्ट के सबूत नहीं मिले हैं यही वजह है कि इस स्ट्रक्चर ने आज तक साइंटिफिक कम्युनिटी को गहरी कशमकश में डाल रखा है हजारों मील तक पहले रेगिस्तान में यह अनोखा और परफेक्ट गोल स्ट्रक्चर आखिर पैदा कैसे हुआ यह तो हमें नहीं मालूम लेकिन हिस्टोरियंस ने इतिहास में खो जाने वाले अटलांटिस शहर का जो नक्शा बयान किया है वह आई ऑफ सहारा से काफी मिलता-जुलता है सिर्फ एक दो नहीं बल्कि अटलांटिस के दर्जनों नक्शे यह बयान करते हैं कि यह बहुत एडवां सिविलाइजेशन थी जिनके शहर रिंग शेप में बने थे और हर रिंग एक दूसरे से ब्रिज के जरिए कनेक्टेड थी जिनके नीचे समंदर का पानी गुजरता था आई ऑफ सहारा की शेप और बयान किए गए अटलांटिस में काफी सिमिलरिटीज देखी गई हैं रही बात इसकी लोकेशन की तो 2500 साल पहले ग्रीक हिस्टोरियन हेरोडोटस ने उस वक्त की दुनिया का नक्शा बनाया था उसमें अफ्रीका के वेस्ट में अटलांटिस नाम का कोई शहर मेंशन है इस मैप को आज के वर्ल्ड मैप से मैच किया जाए तो अटलांट की लोकेशन ठीक रिचर्ड स्ट्रक्चर की लोकेशन से मैच करती है सिर्फ इस मैप पर ही नहीं बल्कि 2000 साल पहले रोमन जियोग्राफी पंपो नियस मेला ने भी एक वर्ल्ड मैप बनाया था इसमें भी अटलांटिया नाम का शहर मेंशन है इस मैप की ओरिएंटेशन ईस्ट की तरफ है लेकिन अगर इसको घुमाया जाए और नॉर्थ को ऊपर किया जाए तो यहां पर भी देखा जा सकता है कि
सहारा के नॉर्थ वेस्ट एरिया में इन्होंने अटलांटिया या फिर अटलांटिस को दिखाया हुआ है जहां पर अटलांटिया बसते थे एक बार फिर से इसमें अटलांटिस की लोकेशन आज के रिचड स्ट्रक्चर या आई ऑफ सहारा से मैच करती है रिचर्ड स्ट्रक्चर को जमीन से देखा जाए तो इसकी रिंग्स इतनी बड़ी है कि किसी को अंदाजा भी नहीं होगा कि वह इनके बीच में खड़ा है यहां आर्कियोलॉजिस्ट को ऐसे कोई एविडेंस नहीं मिले जिससे यह जाहिर हो कि यहां 12000 साल पहले कोई इंसानों की सिविलाइजेशन बसती थी लेकिन दूसरी तरफ पूरी दुनिया में रिच जैसा कोई और स्ट्रक्चर कहीं भी नहीं देखा गया यही वजह है कि यह साइंस के लिए एक मिस्ट्री बना हुआ है रिचड स्ट्रक्चर के अलावा सहारा डेजर्ट अपने अंदर और भी कई राज छुपाए बैठा है अफ्रीकन सहारा का नाम सुनते ही हमारे जहन में कड़ती धूप ना खत्म होने वाले रेत के टीले और बेइंतहा गर्मी का ख्याल आता है लेकिन सहारा डेजर्ट जितना ऊपर से खुश्क दिखता है इसने अर्थ की हिस्ट्री में उतना ही ग्रीन पीरियड देखा है इस रेगिस्तान का टोटल एरिया 90 लाख स्क्वायर किलोमीटर पर फैला हुआ है यानी के पूरे यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका या फिर पूरे यूरोप जितना सहारा इतना बड़ा है कि इसको टोटल 11 कंट्रीज आपस में शेयर करती हैं और यह मुसलसल बढ़ता ही
जा रहा है हर 100 सालों में सहारा का एरिया 10 पर के हिसाब से बढ़ रहा है पर आखिर ऐसा क्यों है और यह इतनी ज्यादा रेत आखिर आई कहां से इस डेजर्ट का सबसे दिलकश मंजर इजिप्ट में मौजूद वाइट डेजर्ट है जो दिन के टाइम पर आर्कटिक रीजन का लुक देता है इसकी वाइट रेत और बीच में बने सफेद लाइम स्टोन की फॉर्मेशन देखकर ऐसा मालूम होता है कि इनको किसी ने खास इस शेप में बनाया है लेकिन असल में हजारों करोड़ों साल पहले यह जगह ओशन का बॉटम हुआ करती थी आज से 25 करोड़ साल पहले जब हमारी दुनिया में डायनासोर्स का राज था उस वक्त इस जगह जहां पर सहारा मौजूद है यहां टेथिस नामी ओशन था करोड़ों सालों तक इस ओशन के वजन ने इसके बॉटम पर लाइम स्टोन की एक लेयर जमा दी वक्त के गुजरते जब नए कॉन्टिनेंट्स बने ओशन खत्म हुआ तो इस जमी हुई लाइम स्टोन की लेयर पर पहली बार हवाएं टकराना शुरू हुई विंड इरोजन की वजह से लाइमस्टोन के पार्टिकल्स फैलते गए और देखते ही देखते इस वाइट डेजर्ट में बदल गए सिर्फ वाइट डेजर्ट ही नहीं बल्कि पूरे सहारा की रेत के बनने की यही कहानी है जहां लाइम स्टोन था वहां वाइट डेजर्ट बन गया और जहां सैंड स्टोन था वहां ऑरेंज कलर की रेत बन गई हैरानी की बात यह है कि सहारा डेजर्ट हमेशा से ही ऐसा नहीं था साइंटिस्ट को यहां रेत के अंदर ऐसे सबूत मिले हैं ऐसे प्लांट्स और ट्रीज के फॉसिल्स मिले हैं जो सहारा की सख्त कंडीशंस में आज ग्रो ही नहीं कर सकते इसका मतलब यह है कि सहारा हमेशा से ऐसा नहीं था बल्कि कभी इस जगह का नक्शा आज के सहारा से काफी अलग था 26 लाख साल पहले हमारी दुनिया आखिरी आइस एज की तरफ जा रही थी हर चीज फ्रीज होना शुरू हो गई जमीन और ओशनस में कोई फर्क नहीं बचा था और ग्लेशियर्स बनने की शुरुआत हो चुकी थी जियोलॉजिस्ट का कहना है कि यह अर्थ की हिस्ट्री में पांचवी बड़ी आइस एज का आगाज था हमारा अर्थ हर चंद करोड़ सालों के बाद
आइस एज में चला जाता है यह नॉर्मली अर्थ के ऑर्बिट में चेंज की वजह से होता है जब अर्थ सूरज से ज्यादा दूर हो जाता है इस लास्ट आइस एज में जो इक्वेटर के एरियाज थे जिसमें अफ्रीका भी आता है यह फ्रीज तो नहीं लेकिन काफी ठंडे हो चुके थे जिसको अफ्रीकन ह्यूमिड पीरियड्स भी कहते हैं जहां पूरी दुनिया बर्फ की मोटी लेयर से ढकी थी वहीं सहारा हरा भरा और जिंदगी से भरपूर था यहां हजारों मील तक मेंडोज थे और चप्पे-चप्पे पर हरी घास होती थी बारिशों की वजह से यहां रिवर्स बहती थी लेक्स थी जो अगर आज होती तो दुनिया की सबसे बड़ी लेक्स कहलाती यहां हर तरह के जानवर थे जो
किसी रेन फॉरेस्ट में होते हैं इन सब चीजों के साथ-साथ एंसेट ह्यूमंस की भी बड़ी तादाद यहां माइग्रेट करके आई थी क्योंकि बाकी दुनिया के मुकाबले में सहारा की ग्रीनरी जिंदगी को सपोर्ट करती थी यहां एग्रीकल्चर किया जा सकता था जानवर पाले जा सकते थे और मौसम भी रहने के काबिल था जैसा कि आज यूरोप में होता है करीब 25 लाख सालों तक चलने वाली यह आइस एज आज से 11000 साल पहले खत्म होना शुरू हुई अर्थ का एवरेज टेंपरेचर -60 ° सेल्सियस से आहिस्ता आहिस्ता वापस से बढ़ने लगा बर्फ की मोटी लेयर मेल्ट होने लगी और ओशनस के ऊपर भी बर्फ के धे आहिस्ता आहिस्ता पिघलने लगे अगले कई हजार सालों तक तो सहारा की लाइफ कंडीशंस बरकरार रही लेकिन फिर 4000 बीसी के आसपास यानी 6000 साल पहले कुदरत ने सहारा की हरियाली को वापस छीनने का इरादा कर लिया तब से लेकर एक बार फिर से ग्रीन मेडोना शुरू हो गए और नीचे मौजूद रेत दोबारा से हवा के साथ कांटेक्ट में आकर फैलना शुरू हो गई करोड़ों साल पहले हरे भरे अफ्रीका की एक झलक आज दुनिया की सबसे लंबी नाइल रिवर में देखी जा सकती है 6695 किमी लंबी रिवर साउथ अफ्रीका में युगांडा से शुरू होकर सहारा के बीच से गुजरती हुई इजिप्ट के पास मेडिटरेनियन सी में जाकर गिरती है जब नॉर्थ अफ्रीका
रेगिस्तान में बदल गया तो यहां बसने वाले एंसटिटाइट [संगीत] हैं कि वो कभी मालूम ही नहीं कर पाए यही वजह थी कि एशियंट इजिप्शियंस ने नाइल रिवर को पूजना शुरू कर दिया उनकी नजर में यह एक सेक्रेड रिवर थी जिसका सोर्स किसी को भी मालूम नहीं था लेकिन मॉडर्न दौर में भी नाइल रिवर का ओरिजन ढूंढने में कई एक्सपीडिशंस लगे थे पूरी नाइल रिवर अपने सफर के दौरान 11 कंट्रीज से होकर गुजरती है और यह अमेजॉन रिवर से सिर्फ 200 मीटर्स ही छोटी है अब क्योंकि अफ्रीकन कॉन्टिनेंट में हर आइस एज के दौरान खुशगवार मौसम होता था यानी यहां तो य हां बहुत गर्मी होती थी
या फिर नॉर्मल कंडीशंस होती थी लेकिन आर्कटिक कंडीशंस यहां किसी दौर में नहीं पैदा हुई जिसमें इंसानों का रहना मुमकिन नहीं होता इसी वजह से इंसानों की बहुत पुरानी सिविलाइजेशंस के सबूत भी अफ्रीका से ही मिले हैं या फिर यूं कहा जाए कि इंसानों की शुरुआत यहां से हुई थी तो यह भी गलत नहीं होगा नवंबर 1974 में इथियोपिया में हदर के मकाम से इंसान का सबसे पुराना स्केलेटन मिल चुका है यह ढांचा 40 पर कंप्लीट है जो कि हैरत अंगेज तौर पे 3. 2 मिलियन इयर्स पुराना है 32 लाख साल पुराना काफी रिलीजस में भी इंसानियत की शुरुआत का जो एरिया बताया गया है वह आज का अफ्रीका ही है और साइंटिफिक एविडेंस से भी यह बात जाहिर होती है कि ह्यूमन स्पीशी सबसे पहले अफ्रीका में ही पैदा हुई थी सहारा डेजर्ट में एनडी प्लेटो नामी एक जगह है जहां पर एक सीक्रेट बगीचा मौजूद है यह जगह गर्म रेत के बीच लोकल खानाबदोश के लिए किसी जन्नत से कम नहीं है हजारों सालों से यह जगह सहारा में सफर करने वाले काफिले के लिए एक स्टॉप ओवर है यहां जानवर खास तौर पर ऊंट पानी पीते हैं और इंसानों के रेस्ट करने के लिए ठंडी गारें भी मौजूद हैं इन गारों में एंसिफेरम आज भी छपी हैं जब सहारा हरा भरा होता था केव्स के अंदर अंदर जगह-जगह पर रॉक आर्ट्स देखने को मिलते हैं जिसमें कैटल यानी गाय सबसे ज्यादा देखी जा सकती हैं यह जानवर अक्सर उन्हीं जगहों पर पाया जाता है जहां उनके खाने के लिए घास बूस मौजूद हो आज यहां कैमल्स के अलावा किसी और जानवर का चलना फिरना मुमकिन नहीं है 1940 तक यहां अफ्रीकन लायंस होते थे लेकिन अब वो भी खत्म हो गए इस छुपे हुए बगीचे में कुछ क्रोकोडाइल्स पानी के किनारे रहते हैं पर सवाल य है कि क्रोकोडाइल्स तो इतना बड़ा सफर नहीं कर सकते तो फिर सहारा के बीचोबीच
यह आए कहां से एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह अफ्रीकन क्रोकोडाइल की नस्ल है जो खास कहीं से आई नहीं बल्कि यह हजारों सालों से यहीं है आज यहां गिने चुने मगरमच्छ ही रहते हैं और यह भी आहिस्ता आहिस्ता खत्म हो रहे हैं इनके पास खाने के लिए ज्यादा कुछ नहीं यह पानी में मौजूद मेंढक और मछलियां खाकर गुजारा करते हैं एशियंट इजिप्शियन किंग टूटन खाम उन के नेकलेस के अनोखे और मिस्टीरियस पत्थर का राज भी सहारा में ही छुपा है इस पत्थर ने रिसर्चस को कई सालों तक पहेलियों में उलझाया रखा यह एक नेचुरल ग्लास स्टोन है जो पूरी दुनिया में कहीं भी नहीं पाया जाता एक वक्त तक ऐसा माना जाता था कि यह हमारे प्लेनेट का हिस्सा ही नहीं है बल्कि किसी और दुनिया से आया है लेकिन फिर आखिरकार इसका ओरिजिन भी सहारा के बीच से ही मिला लिबिया में मौजूद सहारा के हिस्से में ऐसे बहुत से पत्थर रेत के बीच बिखरे हुए पाए गए एक्सपर्ट्स का ख्याल है कि 3 करोड़ साल पहले एस्टेरॉइड इंपैक्ट ने यहां के सैंड स्टोन के पत्थरों को पिघला दिया था उस वक्त यहां दरिया और नदियों का बहना बहुत कॉमन था सैंड स्टोन का लावा जब पानी प गिरा तो फौरन ठंडा होने की वजह से यह ग्लास स्टोन बन गया सहारा की अनलिमिटेड रेत देखने में तो बिल्कुल बेकार लगती है
ना ही यह रेत कंस्ट्रक्शन में कंक्रीट मिक्सचर बनाने के काम आ सकती है और ना ही इसका कोई और प्रोडक्टिव यूज है लेकिन असल में यह सहारा की रेत ही है जो 4000 किमी दूर अमेजन रेन फॉरेस्ट के अंदर सांस भरती है हर साल करोड़ों टन रेत हवा के जरिए उड़कर समंदर पार साउथ अमेरिका में जाकर गिरती है इसमें मौजूद फास्फोरस सिर्फ 0.08 पर है लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह अमेजन रेन फॉरेस्ट के फास्फोरस लेवल को मेंटेन रखने के लिए काफी है अमेजन रेन फॉरेस्ट में बारिश के पानी के साथ फास्फोरस रिवर्स में बहकर जाया हो जाता है अगर यह फॉस्फोरस अमेजॉन रेन फॉरेस्ट में नहीं गिरा तो यहां की जमीन में फास्फोरस की शॉर्टेज हो जाएगी और नए प्लांट्स और दरख्त उगना बंद हो जाएंगे अब आखिर में जानते हैं सहारा डेजर्ट की चंद हैरान कुन हकीकत अमूमन सहारा डेजर्ट को दुनिया का सबसे बड़ा डेजर्ट बताया जाता है लेकिन हकीकत में यह दुनिया का तीसरा बड़ा डेजर्ट है है पहले दो अंटार्कटिका और आर्कटिक डेजर्ट हैं यह बात दुरुस्त है कि सहारा दुनिया का सबसे बड़ा गर्म रेगिस्तान है जबकि अंटार्कटिका और आर्कटिक कोल्ड डेजर्ट में शुमार होते हैं सहारा का टोटल एरिया 90 लाख स्क्वायर किलोमीटर है लेकिन हर सीजन में इसका एरिया बदलता रहता है क्योंकि रेत हर मौसम में या तो फैल जाती है या कंपैक्ट हो जाती है पूरे सहारा में रेत सिर्फ 25 पर एरिया पर फैली है बाकी एरियाज पर पथरीले पहाड़ मौजूद हैं यहां सैंड ड्यूस की हाइट 180 मीटर तक जाती है और सहारा का सबसे ऊंचा पॉइंट माउंट कोसी है जो 3415 मीटर ऊंचा है यह बेशक ही दुनिया का गर्म तरीन रेगिस्तान है लेकिन कई मकामा पर यहां बर्फबारी भी होती है और टेंपरेचर -6 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है |