नई दिल्ली: सरकार ने ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ बिल को लोकसभा में पेश करने की तैयारी की है। इस बिल को सोमवार को लोकसभा में पेश किया जाएगा और फिर चर्चा के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) में भेजा जाएगा। यह बिल देश में एक साथ सभी चुनावों को आयोजित करने का प्रस्ताव रखता है, जिससे चुनावी व्यय और समय की बचत होगी।
‘वन नेशन वन इलेक्शन’ का विचार पिछले कुछ वर्षों से चर्चा में है, लेकिन अब सरकार ने इसे वास्तविकता में बदलने का फैसला किया है। इस बिल के तहत, लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा और स्थानीय निकायों के चुनाव एक ही समय में होंगे। इससे चुनावी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और कुशल बनाने में मदद मिलेगी।
सरकार के अनुसार, इस बिल के लागू होने से चुनावी व्यय में काफी कमी आएगी और चुनावी मशीनरी का उपयोग बेहतर तरीके से होगा। इसके अलावा, इससे चुनावी अवधि के दौरान सरकारी कामकाज पर असर कम होगा, जिससे विकास कार्यों पर ध्यान देने में मदद मिलेगी।
हालाँकि, विपक्षी दलों का कहना है कि इस बिल के लागू होने से लोकतंत्र पर असर पड़ सकता है और इससे राजनीतिक दलों के लिए अपनी रणनीति बनाना मुश्किल हो जाएगा। उनका मानना है कि एक साथ सभी चुनावों को आयोजित करना एक बड़ा लोगिस्टिक चुनौती होगी और इससे चुनावी प्रक्रिया में गड़बड़ी हो सकती है।
संयुक्त संसदीय समिति (JPC) में इस बिल पर चर्चा होने के बाद, समिति की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी। सरकार उम्मीद कर रही है कि सभी राजनीतिक दल इस बिल पर सहमति बनाएँगे और इसे लागू करने में मदद करेंगे।
इस बिल के लागू होने से देश में चुनावी प्रक्रिया में एक बड़ा बदलाव आएगा और इससे चुनावी व्यय और समय की बचत होगी। सरकार का कहना है कि यह बिल देश के लोकतंत्र को मजबूत करेगा और चुनावी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित बनाएगा।