अंटार्कटिका बर्फ से भरा हुआ इतना बड़ा कॉन्टिनेंट है जिस पर 5 किलो मीटर की गहराई तक सिर्फ बर्फ ही बर्फ है इतनी ज्यादा बर्फ और वह भी डेढ़ करोड़ किलोमीटर तक फैली हुई यानि अंटार्कटिका का साइज अमेरिका से भी काफी ज्यादा बड़ा है भले ही जून-जुलाई की गर्मियों का मौसम हो लेकिन अंटार्कटिका का टेंप्रेचर पूरा साल – फीड डिग्री सेंटीग्रेड से – ने यात्री सेंटीग्रेट तक रहता है इस सदी तरीन ठंड की वजह से ही यहां जिंदगी की उम्मीद बहुत ही कम है लेकिन उसके बावजूद भी पूरे अंटार्कटिका में 400 से भी ज्यादा लेख डिस्कवर हो चुकी है जो बर्फ की लहर के नीचे छुपी हुई है जबकि वीडियोस में एक बार फिर से को शांति नाजरीन ऐंटार्कटिका में ना ही कोई टाइम जोन फॉलो होता है और ना ही यहां किसी कंट्री का कब्जा है अतः के पूरे अंटार्कटिका में सिर्फ दो एटीएम मशींस लगी हुई है कई लोगों का मानना है कि अंटार्कटिका की बर्फ के नीचे कई राज पोशीदा है कुछ का तो यह भी मा कि बर्फ से ढके हुए इस मिस्टीरियस कॉन्टिनेंट के नीचे एक अलग ही दुनिया बसती है जहां एलियंस का राज है

लेकिन रिसर्च और और चोला जस्टिस मिस्टीरियस कॉन्टिनेंट के पोशीदा राज्यों को फाश करने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं इन्होंने यहां चंद ऐसी चीजें भी तलाश की है जिनको देखकर साइंस भी है हैरान रह जाती है और आज आप देखेंगे अंटार्कटिका की बर्फ के अंदर से मिलने वाली यह चंद हैरतअंगेज चीज़ें तो आइए शुरू करते हैं नंबर 8 2009 में एक डिस्कवरी ने रिसर्चर्स के रोंगटे खड़े कर दिये जब अंटार्कटिका की बर्फ के अंदर से एक बिल्ली का ढांचा मिला लेकिन इसमें हैरान करने वाली बात यह नहीं थी कि ढांचा बिल्ली का है बल्कि हैरान करने वाली बात यह थी यह जिस बिल्ली का ढांचा था वह आम बिल्ली नहीं बल के अंडे देने वाली फीलिंग थी जब रिसर्च लैब में इस अजीब बिल्ली के ढांचे पर मस्जिद तक कि की गई तो मालूम पड़ा कि यह जानवर कम से कम भी 25000000 साल पहले धरती पर पाया जाता था फोन नंबर 7 2014 में आर्केलॉजी इसको अंटार्कटिका से इंतहाई हैरान कर देने वाली इंसानी खोपड़ियां मिली पहले हैरानी की बात यह थी कि अंटार्कटिका में यह मिलने वाली पहली इंसानी खोपड़ियां थी और दूसरी हैरानी की बात इन कपड़ो की शॉप थी जी हां नार्मल कंपनियों के मुकाबले में यह कॉपियां काफी अलग दिखती थी क्योंकि इनके सर जरूरत से भी ज्यादा बाहर निकले हुए थे संहिताओं का मानना था कि कॉपियों की ऐसी शक्ल बचपन से ही अजीब आदतों की वजह से बनती है और यह आदतें हजारों साल पहले इंडियन सिविलाइजेशन में अपनाई जाती थी इस तरह की कंपनियां कि लॉजिस्ट को इजिप्ट और पैरों से भी मिल चुकी है तभी उनका शक है कि शायद हजारों साल पहले अंटार्कटिका में भी लोग बसते थे और उनका कुछ ना कुछ रिलेशनशिप टिप्स सिविलाइजेशन से जरूर होगा नंबर सिक्स पिछले 50 सालों के दौरान अंटार्कटिका से 10 हजार से भी ज्यादा मीटर हिट्स मिल चुके हैं

The Blood Falls seeps from the end of the Taylor Glacier into Lake Bonney. The tent at left provides a sense of scale for just how big the phenomenon is. Scientists believe a buried saltwater reservoir is partly responsible for the discoloration, which is a form of reduced iron.

मीटियोराइट हो उस पत्थर के ऐसे टुकड़े होते हैं जिनका रूख हमारी धरती से नहीं होता बल्कि वह किसी और धरती से टूटकर आए होते हैं सालों का मानना है कि मिलने वाले मीटियोराइट में से एक कई साथ लाख साल से भी ज्यादा पुराने हैं वैसे तो यह पता लगाना बहुत ही मुश्किल है कि इन वीडियो राइट का ताल्लुक इन सितारों यहां प्लैनेट्स है लेकिन 2002 में अंटार्कटिका पर गिरने वाला एक छोटा मीटर राइट 2015 में डिस्कवर किया गया था और साइंस का मानना है कि यह कहीं और से नहीं बल्कि मार्च से टूटकर आया है क्योंकि इस मीटियोराइट के अंदर ऐसे पैक खैरियत है जो मार्च पर पाए जाते हैं नंबर पांच अंटार्कटिका में बर्फ की गहराई 5 किलो मीटर ठीक है और यह पूरा कॉन्टिनेंट अमेरिका से भी बहुत बड़ा है लेकिन साइज दोनों को यहां से कुछ ऐसे सबूत मिले हैं जिनको देखकर यह अंदाजा लगाया जाता है कि लाखों साल पहले यह जगह रहने के काबिल हुआ करती थी जी हां 986 कई अर्थ लॉजिस्ट को यहां से डायनोसोर मॉल्स और और प्लेसियोसोर के ढांचे में मिल चुके हैं सिद्धांतों की साइज थर्टी सिक्स फीट बताई जाती है जो तकरीबन एक ट्रिपल स्टोरी बिल्डिंग के बराबर बनती है जब हड्डियों के इन ढांचों पर मस्जिद तय की गई तो मालूम पड़ा कि यह कम-अज़-कम भी 70 लाख साल पुराने हैं तभी यह अंदाजा लगाया जाता है कि 70 लाख साल पहले तक अंटार्कटिका का टेंप्रेचर रहने के काबिल था और शायद तब यह पहाड़ गहरी बर्फ से नहीं बल्कि गिरी से धक्के होते होंगे नंबर फॉर वॉटर फॉल्स तो हम सब ने कई बार देखे हैं लेकिन अंटार्कटिका में टेलर ग्लेशियर के मुकाम पर एक पॉइंट ऐसा भी है जहां वॉटर फॉर नहीं बल्कि ब्लड फॉल होता है 1911 में टेलर नामी एक साइंटिस्ट ने पहली बार इस प्लेटफार्म को डिस्कवर किया था कई सदियों तक यही माना जाता था यह वाकई इस किले शेयर के अंदर से खून बहता है लेकिन मॉडर्न साइंस ने जब इस पर मस्जिद रिसर्च की तब उनको जो मालूम पड़ा वह इससे भी ज्यादा हैरतअंगेज था जी हां मालूम पड़ा कि इस किले के नीचे एक बहुत बड़ा अपने का टाइम है लेकिन इसमें मौजूद पानी की खास बात यह है

कि इसमें सी वाटर से भी थ्री टाइम्स ज्यादा सॉफ्ट है जिसकी वजह से यह फ्रीज नहीं होता साथ-साथ इस पानी में पहाड़ों से निकलने वाला आयरन भी मौजूद है किसी एक पॉइंट से जब यह पानी ग्लेशियर से बाहर निकलने की करता है तो हवा में मौजूद ऑक्सीजन पानी के आयरन से मिक्स होकर आयरन ऑक्साइड बन जाता है और उसका कलर ऐड हो जाता है और इसी वजह से हमें यह पानी इन रेड कलर का दिखता है नंबर 3 ब्लड फॉल ग्लेशियर के नीचे मौजूद पानी में संस्थानों को एक और हैरान करने वाली चीज भी मिले पानी में टोटल सेवेंटीन टाइम्स के बैक्टीरिया भी पाए गए जिनको जिंदा रहने के लिए ऑक्सीजन और सनलाइट की भी जरूरत नहीं होती एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह बैक्टीरिया की ऐसी किस्म है जो ऐसे प्लैनेट्स पर पाई जाती है जहां पर ऑक्सीजन और सनलाइट का नामोनिशान तक नहीं होता लेकिन यह बैक्टेरिया हमारी धरती पर कैसे आए यह राज अभी भी पोशीदा है नंबर है हालांकि पूरा ऐंटार्कटिका तरफ से भरा हुआ कॉन्टिनेंट है यह देखकर सबको यही लगेगा कि जहां पानी की कमी होना मुमकिन नहीं है लेकिन आपको यह जानकर हैरत होगी कि हमारी धरती पर अगर कोई सबसे ज्यादा खुश यानि ड्राई जगह है तो वह भी अंटार्कटिका में ही मौजूद है यह ड्राई ब्रिलिएंट अफ्रीका में ही डिस्कवर की गई थी जहां पर पिछले 20 लाख सालों से 1 मर्तबा भी बारिश नहीं पड़ी क्योंकि इस रैली में तेज तरीन हवाओं का राज है जिनकी स्पीड 320 किलोमीटर पर आर थक जाती है इसी वजह से साहित्यों का मानना है

कि तेज हवाओं की वजह से यहां मौजूद पानी का कतरा-कतरा एवं प्रेड हो चुका है आपको यह भी बताते चलें कि अर्थ के तमाम नियमों स्पेस में से इस बुराई वैली काट मास्टर लाखों किलोमीटर दूर मार्च से काफी मिलता-जुलता है इसी वजह से नासा ने अपना वाइकिंग रिपोर्ट मार्च पर भेजने से पहले अंटार्कटिका की ड्रायर वैली में टेस्ट किया था और अब नंबर वन पार्टिकुलर ऑब्जेक्ट की एक टीम को अंटार्कटिका की बर्फ अंदर ग्यारह सौ फीट की गहराई से एक इंतहाई खौफनाक मशरूफ का ढांचा मिला यह पता लगाने के लिए एक यह ढांचा कौन से जानवर का है कई एक्सपेरिमेंट किए गए लेकिन हैरतअंगेज तौर पर इसका स्ट्रक्चर किसी भी जानवर से मैच ना हो सका इस हफ्ता ध्यान से की लंबाई 8 फिट बताई जाती है जिसकी हड्डियां बॉडी से निकली हुई है कई सालों की मेहनत के बाद भी आज तक यह पता नहीं लगाया जा सका यह जानवर कौन सा था और आखिर इस धरती पर आया कहां से था उम्मीद है जबकि ये विडियो भी आप भरपूर लाइक और शेयर करेंगे आप लोगों के प्यार भरे कमेंट का बेहद शुक्रिया मिलते हैं अगली शानदार वीडियो में में

By Naveen

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