1 अप्रैल 2024 सीरिया की कैपिटल दमिश्क में ईरान के कमर्शियल एंबेसी पर एकदम से मिसाइल करती है और वहां बैठे बड़े-बड़े ऑफिशल्स और सैन्य अधिकारी अपनी जान से हाथ ो बैठते हैं अ मेजर न्यू एलेशन इन द मिल ईस्ट इजराइल इज कंसीडरिंग हाउ टू रेस्पों टू ईरान अटैक जी हां ईरान ने इस बात का इल्जाम सीधे-सीधे इजराइल पर लगाया कि ये घटिया हरकत सिर्फ और सिर्फ इजराइल ही कर सकता है हालांकि इजराइल इस बात से मना करता रहा लेकिन सच्चाई क्या है यह शायद हम सब जानते हैं अगर आप सीरिया को इस मैप पर देखेंगे तो पता चलेगा कि वह इजराइल के बॉर्डर पर ही है और इस सीरिया के जरिए

ईरान हिज्बुल्लाह को वो सभी चीजें सप्लाई करता है जो किसी भी देश में अशांति फैलाने के लिए काफी हैं जी हां वही जो आप सोच रहे हैं और अगर आप टीएमएल देखते हैं तो आपको पता होगा कि यह हिजबुल्लाह क्या है और अगर नहीं पता तो कोई बात नहीं हम बता देते हैं दरअसल हिजबुल्लाह लेबेन में मौजूद एक एक्सट्रीम ग्रुप है और जो क्या करता है इसके बारे में हम पहले भी कई बार आपको अपनी वीडियोस में बता चुके हैं लेकिन वहीं अगर इजराइल की मानी जाए तो उसका कहना है कि भाई सीरिया और इराक में ईरान का एक संगठन आई आरजीएस जिसका पूरा नाम इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्ड सोर्स है और यह एक पैरा मिलिट्री फोर्स है जो एक्सट्रीम ग्रुप्स के साथ कोऑर्डिनेट करता है और इसी वजह से इजराइल सीरिया से इनको खदेड़ने के लिए अलग-अलग ठिकानों पर ऐसे हमले करता है अक्टूबर 2023 से लेकर इजराइल और हमास वॉर रुकने का नाम नहीं ले रहा है मानो इन देशों में आग सी फैल गई है जो रुकने का नाम नहीं ले रही इस दौरान कई बार ईरान को यह धमकी देते हुए सुना भी गया कि वह इजराइल को इसका जवाब जरूर देगा और 1 अप्रैल को जब यह हादसा हुआ तो इसके बाद ईरान चाहकर भी इससे खुद को दूर नहीं रख सका और उसने हाल ही में इजराइल पर एक के बाद एक 300 मिसाइल्स छोड़े हालांकि मिसाइल्स इजराइल का ज्यादा कुछ बिगाड़ नहीं पाई और इसके हमले के तुरंत बाद दुनिया भर में तीसरे वर्ल्ड वॉर की सुगबुगाहट जाग गई और हर जगह बस इसी को लेकर बात छिड़ी हुई है तो क्या सच में दुनिया थर्ड वर्ल्ड वॉर की तरफ बढ़ रहा है और अगर हां तो इसका भारत पर क्या असर पड़ेगा और भारत इसमें किस तरफ होगा यह सवाल शायद आपको भी परेशान कर रहा होगा देखिए ईरान और इजराइल के बारे में हम पहले भी कई बार बात कर चुके हैं ऐसा नहीं है कि इजराइल के बनने के बाद उसके लिए 2024 तक चलकर आना आसान रहा है ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि इजराइल के बनने के तुरंत बाद ही इजराइल कई अलग-अलग देशों से अलग-अलग तरह के युद्ध करता रहा है और ईरान के साथ इजराइल के रिश्ते हमेशा से खराब नहीं थे बल्कि इस्लामिक रिवोल्यूशन से पहले भी इनके रिश्ते काफी सही हुआ करते थे लेकिन फिर इनमें पहली तरार पड़ती है इसी समय जिसके बाद ये खाई धीरे-धीरे और गहरी होती चली गई लेकिन अगर सिर्फ यह कहा जाए कि ईरान ने इजराइल पर सिर्फ इसलिए हमले किए क्योंकि इजराइल ने सीरिया में ईरान के दूतावास पर हमला कर दिया यह तो काफी हद तक गलत है क्योंकि यह एक सीरीज ऑफ एक्शंस यानी सीधी भाषा में कहें तो ईरान का कहना है कि इजराइल के पाप का घड़ा भर रहा है और अब यह सब रोक देना चाहिए

क्योंकि ईरान नहीं चाहता कि वह किसी भी तरह की वर्ल्ड वॉर में कूद पड़े और यह दुनिया दो हिस्सों में खड़ी दिखाई दे लेकिन चलिए इस सीरीज पर भी बात कर लेते हैं कि आखिर इजराइल ने कब कहां और क्या किया देखिए आज हर देश अपने-अपने न्यूक्लियर प्रोग्राम्स को लेकर काम कर रहा है लेकिन ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को लेकर इजराइल में एक अलग ही पहचानी है जो साफ-साफ दिखाई भी देती है पिछले कई सालों में ईरान लगातार यह आरोप खुलकर इसराइल पर लगाता आया है कि ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम में जो भी ऑफिशल्स या न्यूक्लियर साइंटिस्ट मारे गए हैं उसमें इजराइल की खुफिया एजेंसीज ने एक बड़ा रोल प्ले किया है और जिसके चलते ईरान को लगातार न्यूक्लियर प्रोग्राम में मुश्किलें आती रही और यह जो न्यूक्लियर साइंटिस्ट थे यह ईरान के लिए देश की संपत्ति से कम नहीं थे क्योंकि ईरान जानता था कि अगर कोई उसे न्यूक्लियर पावर में आगे ले जा सकता है तो वह कोई और नहीं बल्कि यही इंसान था और इसका नाम था मोहसिन फकीर जादे जिस तरह भारत के लिए होमी भाबा और कलाम जी थे तो ईरान के लिए इन्होंने न्यूक्लियर फील्ड में बहुत योगदान दिया यह बात इजराइल को सताती थी कि अगर कहीं ईरान ने न्यूक्लियर बॉम्ब बना लिया तो वह इजराइल के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है जिसके लिए इजराइल की सीक्रेट एजेंसी मोसाद ने कई बार ईरान में घुसकर उसकी प्राइवेट डॉक्यूमेंट निकालने की कोशिश भी की और वोह इसमें सक्सेसफुल भी रही और जब यह बात इजराइल को पूरी तरह कंफर्म हो गई कि ईरान चुपचाप एक न्यूक्लियर वेपन पर काम कर रहा है तो उसने मौका मिलते ही मोहसीन फकीर जादे को रास्ते से ही हटा दिया और इजराइली आज भी मानता है कि कल को अगर ईरान को दुश्मनी निकालनी हो तो वह इजराइल पर अटैक करेगा ही अब इसके बाद ईरान और इजराइल के बीच जो सबसे बड़ी लड़ाई दिखाई देती है वह हरम अल शरीफ को लेकर है क्योंकि बताया जाता है कि जो भी मुस्लिम देश मक्का मदीना के बाद दुनिया की सबसे पवित्र इस जगह को इजराइल से जीतेगा व दुनिया भर के मुस्लिम देशों का लीडर बन जाएगा जिस वजह से ईरान समय-समय पर इजराइल के अगेंस्ट खड़ा होता हुआ दिखाई देता है और इस वॉर में अमेरिका ने कहा है कि ईरान का जवाब अगर इजराइल देता है तो हम इसमें इजराइल का साथ नहीं देंगे और अगर ईरान इसके बाद नहीं मानता और इजराइल पर फिर कोई अटैक उसकी तरफ से होगा तो वह इजराइल को डिफेंस में जरूर मदद करेगा और वहीं यूएन सिक्योरिटी काउंसिल को चिट्ठी लिख ईरान ने यह भी कहा कि यह उस पर सीरिया पर हुए अटैक का जवाब था लेकिन अगर इजराइल इसका विरोध करके ईरान पर कोई हमला करता है

तो फिर यह वॉर रोकना नामुमकिन होगा और अमेरिका अगर इजराइल का इसमें साथ देगा तो इसके अंजाम अमेरिका को भी भुगतने होंगे खैर यह तो बात थी हाल फिलहाल चल रहे ईरान इजराइल वॉर की अब आते हैं कि क्या इफेक्ट होगा इसका दुनिया पर देखिए ये बात आज के समय में कौन नहीं जानता कि यूरोप से लेकर मिडिल ईस्ट तक हर तरफ एक तरह की डिस्टरबेंस का दौर चल रहा है मानो जैसे ये दुनिया अपने अंत की ओर बढ़ रही है और अगर ऐसे में ईरान ने इजराइल पर और ताकत के साथ हमला किया तो यह वॉर भविष्य में एक नया अध्याय और जोड़ देगा और उस अध्याय का का नाम होगा तीसरा विश्व युद्ध बात चाहे रूस यूक्रेन वॉर की हो या फिर इजराइल हमास युद्ध की चाहे भारत चीन की हो नॉर्थ कोरिया व साउथ कोरिया के बीच की यह वक्त दुनिया भर में डिस्टरबेंस का ही है और ऐसे में अगर इजराइल ईरान पर हमला करता है तो मिडिल ईस्ट कंट्री में जो जंग होगी उसका अंदाजा लगा पाना भी मुश्किल है इजराइल के खिलाफ फिलिस्तीन पहले से ही वॉर जन में है अब ईरान लेबेन और इजिप्त जैसे देश भी जंग में कूद सकते हैं ऐसे में अमेरिका रूस चीन जैसे बड़े देश जब इस वॉर में एंट्री लेते हैं तो समझ सकते हैं कि यह बात कहां तक पहुंच सकती है यह तीसरे विश्व युद्ध की वजह बन सकती है इसलिए जरूरी है साहब कि इस लड़ाई को शांति के साथ खत्म कर लिया जाए ताकि दुनिया में जो अनस्टेबल है उसे बढ़ावा ना मिले भारतीयों की सुरक्षा का संकट देखिए जैसे ही ईरान इसराइल के बीच ये टेंशन बढ़ी उस समय ईरान ने इजराइल के एक शिप पर कब्जा कर लिया जिसमें भारत के 17 क्रू मेंबर मौजूद थे भारत का पहला मकसद इजराइल की शिप में मौजूद अपने नागरिकों को सेफली यहां से निकालना है जो ईरान की कैद में है ईरान की सरकारी मीडिया रना की सपोर्ट के मुताबिक ईरान के रिवोल्यूशन गार्ड्स ने बीती रात होम्र स्टेट में इजराइली लिंक्ड कार्गो जहाज को सीज कर लिया इस कंटेनर शिप का नाम एमएससी एरीज है जो संयुक्त अरब अमीरात और ईरान के बीच होम्र स्ट्रेट से गुजर रहा है जब इस जहाज पर कब्जा कर लिया गया अब ईरान इजराइल की जंग छिड़ी तो एक बार फिर भारतीयों को सुरक्षित वापस लाने का ऑपरेशन चलाना पड़ेगा आपको बताते चलें कि इन दोनों ही देशों में भारत के लोग बहुत बड़ी संख्या में रहते हैं इजराइल में 18500 प्रवासी भारती रहते हैं वहीं ईरान में करीब 5000 भारतीय फिलहाल काम कर रहे हैं इस वॉर के इफेक्ट्स कहां तक जाएंगे इसके बारे में डिस्कशन ना हो तो क्या फायदा देखिए आपसे जब भी यह सवाल पूछा जाता है कि बताइए तेल के भंडार कहां है तो यह बात सब जानते हैं

कि मिडिल ईस्ट कंट्रीज में ही तेल के भंडार हैं और उसमें भी ईरान की बात अगर की जाए तो फिर क्या ही कहना इजराइल के खिलाफ अगर ईरान की जवाबी कार्रवाई में कहीं इजाफा देखने को मिलता है तो ना सिर्फ मिडिल ईस्ट में बल्कि पूरी दुनिया में तेल की कीमतों पर जबरदस्त तरीके से असर पड़ेगा और जब इसमें अलग-अलग देश कूदे तो तेल की कीमतों में जो आग लगेगी ना वह तो लगेगी लगेगी लेकिन उसकी महंगाई कहां पहुंच जाएगी उसका अंदाजा आप नहीं लगा सकते जब भी देश वॉर जोन में उतरते हैं तो उनकी डिमांड आर्म्स को लेकर बढ़ जाती है और यह देशों की मजबूरी हो जाती है कि उस समय खाने पीने की चीजों से ज्यादा वॉर रिलेटेड सप्लाईज पर ज्यादा ध्यान दें तो ऐसे में दुनिया में फूड सप्लाई कितनी इफेक्ट होगी और यह दुनिया आज टेक्नोलॉजी की दुनिया है जहां देश के अंदर घुसकर किसी दूसरे देश को कई तरीकों से तोड़ा जा सकता है तो आप समझ सकते हैं यह वॉर सिर्फ एक वॉर नहीं बल्कि कई देशों के लिए बर्बादी का सबब बन सकता है पिछले छ महीनों में इजराइल हमास वॉर की वजह से जो अशांति और अस्थिरता फैली है उसे सारी दुनिया पहले ही देख चुकी है गाजा पट्टी हो या इजराइल रूस हो या यूक्रेन ये तस्वीरें मानवता के मुंह पर वो करारा तमाचा है जो इसे दुनिया के बड़े-बड़े देशों को समझना चाहिए है आज भारत एक डेवलप इकॉनमी है और वह काफी तेजी से डेवलप्ड कंट्रीज को हर फील्ड में टक्कर दे रहा है और इधर भारत ने ईरान में एक बहुत बड़ा इन्वेस्टमेंट भी किया है जी हां उधर अगर ईरान के साथ भारत के अपने फेवरेबल रिश्ते हैं तो इजराइल के साथ भारत की अलग ही ट्यूनिंग है इजराइल और ईरान के बीच वॉर को लेकर भारत का रुख वैसे तो शांति वाला है क्योंकि यह समय भारत के लिए बहुत बड़ा समय है क्योंकि देश में एक तो इलेक्शन का दौर है लेकिन ईरान इजराइल के बीच लगातार बढ़ते हुए स्ट्रगल की वजह से भारत पर चिंता की लकीरें खींच सकती हैं इजराइल भारत का पुराना सपोर्ट रहा है खासकर डिफेंस और टेक्नोलॉजी से जुड़े एरिया में वह भारत की मदद करता रहा है वहीं अगर बिजनेस और सेफ्टी रीजन के हिसाब से देखें तो भारत के ईरान से अपने अलग ही प्रॉफिट हैं ईरान के इजराइल पर अटैक करने से भारत को भी इकनोमिक रिजल्ट्स फेस करने पड़ सकते हैं क्योंकि ईरान तेल प्रोड्यूसर कंट्रीज में से देशों का तीसरा सबसे बड़ा ऑयल प्रोड्यूसर है ईरान और इजराइल के वॉर में जाने से क्रूड ऑयल के इंपोर्ट एक्सपोर्ट पर भी असर पड़ेगा भारत तो छोड़िए अमेरिका ईरान के तेल एक्सपोर्ट पर भी पैन लग सकता है जिससे हालात बेकाबू हो सकते हैं और अगर ऐसा हुआ तो दुनिया में तेल संकट वहां पहुंच जाएगा जहां से तेल खरीद पाना तो दूर उसकी खुशबू भी नहीं सूंघने को मिलेगी जो एकदम से कच्चे तेल के दाम आसमान तक पहुंच जाएंगे उसके बाद सिर्फ बचे कुचे लोग ही तेल खरीद पाएंगे ईरान से भारत में तेल की डिमांड पूरी होती है भारत भी ईरान से तेल मंगवा है ऐसे में भारत के साथ-साथ कई ऐसे देश हैं जो महंगा क्रूड ऑयल खरीदने पर मजबूर हो जाएंगे और उसका कारण यह है कि यह देश अपनी जरूरत का 80 पर से ज्यादा ऑयल इंपोर्ट करते हैं इंडिया विल लॉस्ट बिलियन ऑफ रुपीज आप लोगों की सेफ्टी के अलावा भारत की दूसरी सबसे बड़ी चिंता की वजह दोनों देशों के साथ भारत के बिजनेस रिलेशंस हैं रिपोर्ट्स की माने तो दोनों देशों से 2023 से 24 में भारत का करीब 1.1 लाख करोड़ की बिजनेस डील हुई और इनमें से अकेले ईरान के साथ करीब 21000 करोड़ का कारोबार हुआ उधर अगर भारत की चाय कॉफी और चीनी से ईरान के लोगों के दिन शुरुआत होती है तो बदले में ईरान भारत को पेट्रोलियम मेवे और ए साइक्लिक अल्कोहल समेत कई सामान एक्सपोर्ट करता है ईरान की च बाहर पोर्ट और इससे लगे च बाहर स्पेशल इंडस्ट्रियल जोन में भारत साझेदार है वहीं भारत इजराइल ट्रेड की अगर बात करें तो कॉमर्स मिनिस्ट्री के आंकड़ों के मुताबिक 2023 में इजराइल के साथ भारत ने करीब 90 हज करोड़ का बिजनेस फाइनल किया वहीं समुद्री रूट जहां बीते 2 सालों से ज्यादा डिप्रेशन हुआ उस रूट से भारत का भी काफी सामान आता है ऐसे में जंग छड़ने से भारत के बिजनेस एडवांटेजेस इफेक्ट हो सकते हैं वहीं अगर रूट्स पर चलने वाले जहाजों की बात की जाए तो सिंगापुर से लेकर यूरोप तक के कई ऑयल टैंकर और कार्गो शिप्स में भी भारतीय स्टाफ अच्छी खासी तादाद में है और अगर गलती से वॉर होता है तो यह भी समझ सकते हैं कि यह पूरी सप्लाई चेन को तोड़कर रख सकता है तो अगर देखा जाए तो बादशाही ईरान की हो या फिर इजराइल की भारत दोनों देशों के साथ फिलहाल अच्छे रिश्तों में ही दिखाई दे रहा है और दोनों ही देश से उसका एक जबरदस्त ट्रेड भी जुड़ा हुआ है लेकिन अगर बात आती है कि भारत इस कंडीशन में किसका साथ देता है तो भारत हमें हमेशा ही इस तरह के विवादों से दूर रहा है क्योंकि वह हमेशा ही शांति समझौते को लेकर आगे रहता है और भारत ने अक्सर इस तरह के आपदा को अवसर में बदल कर दिखाया भी है तो इसमें भारत यही चाहेगा कि यह वॉर जल्द ही खत्म हो ताकि किसी भी तरह से भारत को और इसकी इकॉनमी को इसके इफेक्ट्स ना झेलने पड़े |

By Naveen

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