Pearl फार्मिंग यानी की मोती की खेती दोस्तों एक ऐसा बिजनेस है जो आज किसी पहचान के मोहताज नहीं है इस बिजनेस के जरिए लोग लाखों रुपए तक की कमाई कर रहे हैं जिस तरह से मछली पालन मुर्गी पालन मधुमक्खी पालन गम मुनाफिक रोजगार के रूप में जाना जाता है ठीक उसी तरह से मोती की खेती को भी एक बढ़िया मुनाफिक रूप में जाना जाता है मोती दो तरह से बनता है एक तो नेचुरल प्रक्रिया से और दूसरा खेती करके आज हम आपको इस वीडियो में बताएंगे की मोती की खेती कैसे की जाती है लेकिन सबसे पहले बताते हैं की मोती नेचरली बनता कैसे मोती एक नेचुरल गेम यानी की प्राकृतिक रत्न है जो की आयस्टर यानी की सीट के अंदर बनता है पोस्टर यानी की हाउस ने जब खाना खाने के लिए आयस्टर से अपना मोबाइल निकलता है तब कुछ पर उसके साथ चिपक कर आयस्टर के अंदर चले जाते जिनसे छुटकारा पाने के लिए स्नेल अपने ऊपर प्रोटेक्टिव लेयर बनाना शुरू कर देता है और वही लेयर आगे चलकर मोती बन जाती है एक नेचरों प्रक्रिया होता है मोती बनने का दोस्तों इस बात को आप इस तरह से समझ सकते हैं की जिस तरह से इंसान टेंशन में होता है तो कभी उसके गांठ बन जाती है तो कभी अल्सर हो जाता है इसी तरह से जब नहीं है अपने हॉस्टल में प्यारा साइट को पाते हैं तो टेंशन में आते हैं जिस वजह से वो एक तरह का सब्सटेंस रिलीज करते हैं बस वही बनकर बाद में मोती बन जाता है दोस्तों एक स्नेल की हजारों स्पीशीज होती हैं इसके अलावा इनकी शल भी पिंक रेड येलो ऑरेंज और ब्राउन कलर की होती है दोस्तों स्नेल की वो वाली स्पीशीज जो की मोती बनाती है उसे बिबल्स कहते हैं लेकिन हर बार जरूरी नहीं की मोती बनाई बने क्योंकि हार्वेस्टर मोती बनाए हमेशा ऐसा ही होता है एक मोती बनने में साल और लग जाते हैं वैसे तो असली मोती समुद्र की गहराइयों में मिलता है और मोती की को देखते हुए इसकी खेती भी की जाती है चलिए जानते हैं की आखिर कैसे एक मोती की खेती की जाती है मोती किस खेती को मोती पालन या पॉल कल्चर कहा जाता है मोती की खेती करने को एक ऐसी जगह का इंतजाम करना पड़ता है जहां पर अच्छे से पानी अवेलेबल हो सके इसके लिए किसने को तालाब एक छप्पर या सर्जिकल हाउस जैसी जगह का इंतजाम करना
पड़ता है वैसे दोस्तों आपको बता देंगे तालाब और टाइम का इंतजाम सिर्फ एक बार ही किया जाता है उसके बाद हर बार फिर मोती के खेती के लिए वही कम में ए जाता है मोती की खेती के लिए एक ऐसे तालाब की जरूरत पड़ती है जो की 10 बाई 10 फुट या उससे बड़ा हो और जिसकी गहराई पास से 6 फीट हो दोस्तों अगर टेक्निकल भाषा बताएं तो लगभग शून्य चार हेक्टेयर में तालाब में 25000 सीट से मोती का प्रोडक्शन किया जाता है दोस्तों आपको बता दें की कुछ लोग जिनके पास तालाब उपलब्ध नहीं हो पता है वो लोग घर पर ही टैंक बना कर मोदी की खेती करते हैं मोती की खेती के लिए सबसे अच्छा मौसम सर्दी यानी की अक्टूबर से दिसंबर तक का माना जाता है दोस्तों मोती की खेती के लिए सबसे जरूरी जो चीज होती है वो है उन्हें किसान नदी ताला अब नहर जैसी जगह से इकट्ठा करते हैं इसके अलावा जिन लोगों को ये सीट तालाब से नहीं मिल पाते हुए लोगों ने खरीदते हैं इनको खरीदते वक्त या तालाब से कट्टा करते वक्त इस बात का ध्यान रखा जाता है किन सीट का साइज लगभग 8 से 10 सेंटीमीटर का होना चाहिए शादी में यह भी ध्यान रखा जाता है की सारे शिप ज़िंदा हो इसके बाद हर सीट में पहले चिरा लगाया जाता है यानी की इनको एक सर्जिकल टूल से खोला जाता है इसके बाद इनमें चार से छह मिली
मीटर डायमीटर वाले सिंपल और डिजाइनर बीड्स यहां पर 10 दिन तक नायलॉन के बाग में रखा बताता है इसके साथ इनको इनके घाव भरने के लिए एक एंटीबायोटिक दिया जाता है कभी-कभी इनको प्राकृतिक चार यानी की नेचुरल फीट पर भी रखा जाता है वाइन का अच्छे से एग्जामिन किया जाता है इस पूरे प्रक्रिया में अगर कोई सिप मार जाता है तो उसे बाहर निकल कर अलग कर दिया जाता है दोस्तों आपको जानकर हैरानी होगी की इस पूरे प्रक्रिया में इस्तेमाल होने वाले सीट में से लगभग 30% अपनी जान से आप दो बैठते हैं फिर उसके बाद इन सीट को तालाब में दल दिया जाता है दोस्तों आपको बता दें kinshipon को तालाब में भी नायलॉन के बाग में ही डाला जाता है जिसमें एक बाग में दो सिप होते हैं सिरों को ताला अभी अटैक में 1 मीटर की गहराई या बंसी पीबीसी के पाइप से लटकाया जाता है उनका अच्छे से खास ख्याल भी रखा जाता है [संगीत] इसलिए इनको बाहर से ही खाना दिया जाता है इसके बाद तालाब के अंदर जीवन में से चिकना सब्सटेंस निकलने लगता है जो धीरे-धीरे मोती के रूप ले लेता है और लगभग 8 से 10 महीने बाद सीट को क्या कर उसमें से मोती निकल लिया जाता है इस तरह तैयार होता है मोती अब आपको बताते हैं की मोती की खेत करने में लागत कितनी आती है मोती की खेती करने में लगभग 40 से 50000 की लागत आती है लेकिन इस मुनाफा बहुत ज्यादा हो जाता है बाजार में 1 मिलीमीटर से 20 मिलीमीटर सीट के मूर्ति का दम करीब 300 रुपए से लेकर 1500 तक क्या होता है इसके अलावा इस खेती को करने में सबसे ज्यादा जो खर्चा होता है वो एक तालाब की व्यवस्था करना और एक टाइम की व्यवस्था करना और ये लागत सिर्फ एक बार ही आती है इसके बाद किसान को कई सालों तक लगातार मुनाफा ही होता है आपको बता देंगे मोती की खेती करने में 8 से 10 लाख तक की कमाई हो जाती है अगर मोती की क्वालिटी अच्छी होती है तो किसने को मोती की खेती का और ज्यादा मुनाफा मिल जाता है क्योंकि बाजार में मोतियों की काफी अच्छी कीमत मिल जाती है इसके अलावा मोती खेती करने से पॉल्यूशन में नहीं होता बल्कि इसकी खेती करने से जल प्रदूषण जैसी चीजों से छुटकारा पाया जाता है मोती की खेती करना आज के जमाने में बहुत बड़ा बिजनेस बनता जा रहा है और वो भी क्यों है क्योंकि आजकल मोती की डिमांड इतनी बड़ी हुई है मोती को भारत में काफी पसंद किया जाता है खासकर की महिलाओं में एक बात चाहे औरतों की चुनरी की हो यहां पर औरतों के कपड़ों में मोती का इस्तेमाल हर जगह पर होता है जब मोती कटरा इस्तेमाल किया जाता है तो जाहिर सी बात है मोदी की डिमांड भी बड़े लेवल पर ही होती है और इन डिमांड्स को पूरा करने के लिए मोती की खेती की जाती है पुरी दुनिया में मूर्तियां का बिजनेस बॉल बिजनेस करीब 30000 करोड़ रुपए से ज्यादा करोगे चलिए अब जानते हैं की आखिर pearls कितने तरह के होते हैं इन्हें समुद्र की गहराइयों से निकाला जाता है क्योंकि ये मोती एकदम ओरिजिनल होते हैं इस वजह होती है नेचुरल मोती वही मोती होते हैं जो राजा महाराजा के ताज में या फिर उनको गहनों के कम में लिया जाता है ये मोती नेचुरल तरीके से बनते हैं इसलिए बहुत ही ज्यादा रेयर होते हैं यानी बड़ी मुश्किल से मिलते हैं दोस्तों आपको जानकर हैरानी होगी की नेचुरल मोतीहारी 10000 ओयस्टर में से एक में किसी में मिलते हैं और सिर्फ एक मोती को बनाने में एक से 20 साल भी लग जाते हैं इतना तो एक्स नील जी भी नहीं पता है कल्चर मोतियों की खेती की जाती है वो कल्चरड मोती होते हैं क्योंकि ओरिजिनल मोती बहुत कम मिलता है इसलिए इंसानों द्वारा मूर्ति को उगाया जाता है यानी की मोती स्नेल के जरिए नेचुरल प्रक्रिया से पैदा नहीं होते हैं दोस्तों अक्सर ज्वैलरी में और ज्यादातर ड्रेसेस में यही मोदी इस्तेमाल किए जाते हैं इन मोतियों का कीमत असली मोती से बहुत कम होती है आपको बता दें की एक मोदी 200 से 2000 तक की होती है और अगर मोती हाई क्वालिटी का है तब इसकी कीमत लाखों तक हो सकती है तो यह थी मोती की खेती की पुरी प्रक्रिया क्या आपने कभी मोती की खेती के होते हुए देखा है ?