ओसियन गेट की टाइटन सबमरीन ने अपना सफर कनाडा के सेंट जॉन पोर्ट से शुरू किया जी लोकेशन पे इसको ओसियन के अंदर दिव करना था यह सेंट जॉन से 700 किलोमीटर दूर नॉर्थ अटलांटिक ओसियन में बाकी है और इसी पॉइंट पर ठंडा पानी के नीचे ओसियन की गहराइयों में टाइटेनिक का शिव रेट भी मौजूद है सैटरडे 17th जून 2023 को यह सफर शुरू किया गया और प्लेन के मुताबिक अगले दिन संडे को सुबह 8:00 बजे टाइटन को पानी में उतारा जाना था आपको यहां बताते चलें की दिव से पहले टाइटन में एक मसाला नोटिस किया गया था|
लेकिन उसकी बावजूद भी अपनी जान डो पर लगाकर इसको ओसियन में उतार दिया गया वो क्या मसाला था और आखिर पता होने के बावजूद भी ये खतरा क्यों मौन लिया गया जिम टीवी के वीडियो में एक बार फिर से खुशाम्बी नसरीन इस सफर में टोटल पांच लोग मौजूद थे जिसमें एक्शन एवियशन के फाउंडर हार्नेस होर्डिंग भी मौजूद थे इन्होंने जब बेजोस के साथ स्पेस में भी ट्रैवल किया था दूसरे नंबर पर इस डॉक्टर रश जो ओसियन गेट के सीईओ भी थे यह अमेरिकन कंपनी ओसियन टूरिज्म के लिए सबमर्सिबल फरहान करती है तीसरी नंबर पे 77 साला पॉल हेनरी थे जिन्होंने पहले भी टाइटेनिक को विजिट किया था ये शिव रेट के एक्सपर्ट थे और इनको टाइटेनिक के बिखरे हुए पार्ट्स की काफी जानकारी थी और आखिर में पाकिस्तान बिजनेस टायकून शहजादा दौड़ अपने बेटे सुलेमान के साथ इसी सबमरीन का हिस्सा थे 17th जून को ड्राइव करने से पहले हरनेस होर्डिंग ने इंटरनेट पे अपना आखिरी पोस्ट किया था उनका कहना था की शाहिद सर्द मौसम की वजह से उनकी लाइफ डिले हो गई है कल सुबह को जब थोड़े वक्त के लिए मौसम बेहतर होगा तो हम टाइप कर जाएंगे ये पांच लोग अपना शौक पूरा करने के लिए मशहूर ए जमाना टाइटेनिक कमलबा देखने जा रहे थे 1912 में डूबने के बाद अगले कई सालों तक इसको तलाश करने की कोशिश है जारी रही लेकिन अटलांटिक ओसियन की ह|र्ष कंडीशन की यह कम इतना आसन नहीं था 1985 में जाकर आखिरकार ओसियन फ्लोर पे आरएमएस टाइटेनिक का मलबा मिल ही गया टाइटेनिक अपने पीछे इतने सवालात छोड़कर गई थी की अब इनके जवाब तलाश करने का वक्त ए चुका था दर्जनों एक्सपीडिशन अरेंज किया गए जिसमें अलग अलग कंट्रीज के एक्सपट्र्स और रिसचर्स ने टाइटेनिक शिव है कनाडा फिल्म मकर जेम्स कैमरन ने 1995 में टाइटेनिक के मलबे के दर्जनों डर की है और फिर 1997 में टाइटेनिक मूवी रिलीज की गई रही सही कसार टाइटेनिक मूवी की कामयाबी ने पुरी कर दी इसने इतनी धूम मचाई की अब टाइटेनिक के मलबे को खुद जाकर देखना करोड़ लोगों का ख्वाब बन गया यानी ये कम अब सिर्फ रिसर्च के मकसद तक ही महसूस नहीं बल्कि शिव रेक्साइड पर टूरिस्ट भी जाना शुरू हो गए कहा जाता है की ओसियन की गहराई तक जाना स्पेस में जान से भी ज्यादा मुश्किल है और इसकी सबसे बड़ी वजह है पानी का प्रेशर टाइटेनिक शिप्रा एक समंदर की सात से 4000 ट्विटर यानी 4 किलोमीटर नीचे है इस गहराई को इमेजिन करना हो तो आप बुर्ज खलीफा को देखें और समझ लेने की टाइटेनिक कमलबास समंदर में करीब फाइव टाइम्स बुर्ज खलीफा की हाइट जितना नीचे है इस गहराई में पानी का प्रेशर 5000800 सा होता है ये उतना ही प्रेशर होगा की इंसान के पूरे जिस पर नहीं बल्कि सिर्फ एक स्क्वायर इंच के हिस पर एक पूरा हाथी खड़ा कर दिया जाए तो अब आप अंदाज़ लगा लेने की एक सबमरीन में कितने स्क्वायर इंच होंगे और उसे पर कितना ज्यादा प्रेशर पड़ता होगा खैर संडे 18th जून 2023 दोपहर को 12:00 बजे सबमरीन का सफर स्टार्ट हुआ नॉर्मली टाइटेनिक तक पहुंचने में 2 घंटे लगता हैं लेकिन 1 घंटे 45 मिनट के बाद ही मदरशिप बॉलर प्रिंस जो के ऊपर वेट कर रही थी उनका सब मरीन से राब्ता टूट गया अगर दो घंटे टाइटेनिक तक पहुंचने में लगे थे तो सिर्फ 15 मिनट पहले रपटा टूटने का मतलब है की सब मरीन टाइटेनिक काफी करीब पहुंच चुकी होगी समंदर की इस गहराई में सूरज की रोशनी पहुंचाना नाम मुमकिन है और यहां हर वक्त इन तहाई सख्त अंधेरा होता है इतनी गहराई में वायरलेस सिग्नल का टूटना एक नॉर्मल बात होती है लिहाजा पहले इस बात को ज्यादा सीरियस नहीं लिया गया ये पूरा ट्रिप टोटल साथ घंटा का था 12:00 बजे से लेकर शाम को 7:00 बजे इनको वापस लौटना था लेकिन जब शाम 7:00 तक भी टाइटन से कोई रफ्ता ना हुआ और ना ही वो वापस लौटे तो अब ऊपर खड़ी मदरशिप में मौजूद ग्रह के पसीने छटना शुरू हो गए |
कनाडा रिसर्च वेसल पोलर प्रिंस ने टाइटन की तलाश शुरू कर दी 9:40 पे उन्होंने उस कास्ट गार्डन से रपट करके मदद तालाब की अगले दिन मंडे को उस और कनाडा शिप और प्लांस ने पूरे एरिया में एक प्रॉपर सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया उन्होंने सिर्फ समंदर की सात पर ही नहीं बल्कि सुंदर स्कैनिंग की मदद से पानी के अंदर भी अपनी तलाश जारी राखी इस एरिया में जो कमर्शियल वेसल थी उनको भी ऑर्डर दे दिया गया की वो अपनी आंखें खली रखें अगले दो दोनों तक ये तलाश जारी रही लेकिन टाइटन का कोई आता पता ना चल सका लेकिन फिर एक उम्मीद की किरण नजर आई वेडनेसडे 21st जून को सुबह 6:00 बजे सर्च टीम को अपने की गहराइयों में से कुछ आवाज़ सुने थी ये आवाज़ अंदर वाटर रडार्स की मदद से सनी गई थी फौरन और ओवीएस को आवाज की डायरेक्शन में भेजो गया लेकिन इस बार भी टाइटन की कोई खबर ना मिली अब टाइटन को हमेशा हमेशा के लिए खोदने का डर भरत जा रहा था क्योंकि सबमरीन में जितना ऑक्सीजन था वो सिर्फ 96 घंटे यहां फिर 4 दोनों तक का था और इस वक्त तक कर में से तीन दिन गुर्जर चुके थे लेकिन उस कनाडा और फ्रांस की सर्च टीम्स ने हिम्मत नहीं हरि थर्सडे 22nd जून को दोपहर 12:00 को टाइटेनिक के मलबे के पास भेजो गया वहां पहुंचकर जो देखा गया वो वाकई दिल डा देने वाला मंजर था 348 पीएम पर आरोही जो की टाइटेनिक के मलबे के पास पहुंच चुकी थी उसने टाइटन की दम का एक हिस्सा टाइटेनिक से सिर्फ 1600 फिट दूर पड़ा हुआ देखा जो देखने गई थी टाइटेनिक के मलबे को अब उसका मलबा ही पुरी दुनिया में हैडलाइंस बन गया इसका सिर्फ एक ही मतलब है की सबमरीन पानी का प्रेशर बर्दाश्त ना कर सके और समंदर की गहराइयों में ही फैट गई इस खबर ने पुरी दुनिया में जैसे हलचल सी मचा दी ओसियन गेट की सेफ्टी पर कई सवाल खड़े किया जान लगे ओसियन गेट के सीईओ स्टॉकटों रश जो के खुद इस वाक्य में अपनी जान गवाह बैठे हैं उन्होंने 2021 में कहा था की वो जानते हैं की उन्होंने टाइटन को बनाते वक्त कुछ रूल्स तोड़े हैं क्योंकि उन्होंने टाइटन को स्टील से नहीं बल्कि एवियशन ग्रेट कार्बन फाइबर से बनाया है पर वो इस इंडस्ट्री में कुछ नई इन्नोवेशंस करना चाहते थे तभी स्टील को रिप्लेस करके कार्बन फाइबर का इस्तेमाल किया गया था पहले बार लॉन्च से पहले टाइटन को 5000 से 10000 साई के प्रेशर पे टेस्ट भी किया गया जिसमें वो पास हो गई थी पर एक्सपट्र्स का मानना है की ओसियन के अंदर हजारों किम की ताकते सबमरीन पर पड़ती है जिसमें ना सिर्फ प्रेशर बल्कि पानी का बहन भी होता है जो की लहरों की वजह से पैदा होता है इसके अलावा अंधेरे की वजह से यह भी हो सकता है की कोई भारी पत्थर यहां फिर समंदर ही मखलूक सबमरीन से टकराई हो कुछ भी हो टाइटन की तबाही की एक वजह तो इसका कार्बन फाइबर का हाल था लेकिन दूसरी वजह इसमें पहले से मौजूद क्रश भी थे जी हां टाइटन सबमरीन 2019 में कार्ल स्टेनली नामी एक बिजनेसमैन को भी लेकर गई थी और उसे वक्त भी उसको ओसियन गेट के सीईओ ही ऑपरेट कर रहे थे कल में बताया की उसे सफर के दौरान जब वो नीचे जा रहे थे तो उनको टाइटन की बॉडी में से क्रैकिंग की आवाज सुने दी थी 5 डी साउंड ऑफ डी क्रैकिंग गेटिंग बोरा उसे वक्त उन्होंने इस आवाज पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया क्योंकि उनको ओसियन गेट के सीईओ जिन्होंने खुद यह सबमरीन डिजाइन की थी उन पर पूरा भरोसा था लेकिन इस हादसे के बाद उन्होंने सीएनएन को बताया की शायद वो आवाज इस बात की वार्निंग थी की टाइटन की बॉडी पानी का प्रेशर बर्दाश्त नहीं कर का रही अगर ये बात सच है तो इसमें कोई शक नहीं की टाइटल की बॉडी में क्रैकर्स पढ़ना पहले से शुरू हो गए थे 2018 में ओसियन गेट के एक एग्जीक्यूटिव ने टाइटन की कार्बन फाइबर बॉडी के खिलाफ आवाज उठाई थी उनका कहना था की यह मसाला सबमरीन के फटने से सिर्फ चंद मिली सेकेंड्स पहले पता पड़ेगा और हकीकत में भी ऐसा ही हुआ जी गहराई में टाइटन फटी है एक्सपट्र्स का कहना है एक उसको फटने में सिर्फ 0.3 सेकेंड्स लगे होंगे |