गीजा पिरामिड की कंस्ट्रक्शन से लेकर हजारों साल पहले लिखी जान वाली कॉप्टर और यार्ड के पे जान तक इजिप्ट की जमीन ऐसी ऐसी मिस्ट्री से भारी हुई है जिसको देखकर इंसानी अकल डांग र जाति है कैरो से साढे 500 किलोमीटर दूर असिएंट इजिप्ट के कदम शेरों में से एक शहर को अबीदोस के नाम से पहचाना जाता है इसके एक तरफ यार किलोमीटर दूर नील रिवर गुजराती है तो दूसरी तरफ दूर-दूर तक सिर्फ ऐसी रेट ही रेट है 1988 की बात है जब तूफानी आंधी की वजह से रेट के अंदर से एक अजीबो गरीब चीज उभर कर बाहर आई ये इन थाई हंसना हाल की लकड़ी से बना कोई स्ट्रक्चर था जिसको बुरी तरह से दीमक खाकर खोकला कर चुकी थी इसकी हकीकत जन के लिए यहां आर्कियोलॉजिकल टीम ने एयर 2000 में खुदाई का कम शुरू किया यह खुदाई बहुत ही देख पहलकर की जानी थी क्योंकि एक छोटी सी भी गलती इस स्ट्रक्चर को नुकसान पहुंच जो चीज रेट के अंदर से निकालकर आई वह कोई मामूली स्ट्रक्चर नहीं बल्कि एक 70 फुट लंबी फुट थी रेगिस्तान के बिशन बीच इस अकेली वोट का भला क्या कम था मामला अभी यहां खत्म नहीं हुआ था

इस गुत्थी को सुलझाने की खोज अभी चल ही रही थी की मालूम पड़ा की यहां एक नहीं दो नहीं बल्कि ऐसी टोटल 14 वोट से जिनको एक दूसरे के साथ साथ लाइन से रेगिस्तान में दफन किया गया था जिम टीवी की वीडियो में एक बार फिर से खुशामद नाजरीन आर्कियोलॉजिस्ट इन खस्ता हाल बोर्ड्स को पुरी तरह रेट से निकाल नहीं पे थे क्योंकि उनको अच्छा था की अगर ऐसा किया तो ये वोट्स टूट जाएगी और एक बहुत बड़ी मिस्ट्री अधूरी ही र जाएगी सिर्फ वो लकड़ी के चंद सिंपल्स की मदद से यह मालूम करने में कामयाब हुए की वोट्स 5000 साल पुरानी है यानी गीजा पिरामिड से भी 500 साल पुरानी पर ये अकेला जवाब इस मिस्त्री को सुलझाने के लिए काफी नहीं था कुछ आर्स के बाद लेटेस्ट सुंदर स्कैनिंग टेक्नोलॉजी की मदद से अब आर्कियोलॉजिस्ट इस काबिल हो चुके थे की वह इस पूरे एरिया को बगैर हाथ लगाएं उसका एक 3d मॉडल बना सकें स्कैनिंग के बाद जो 3d मॉडल बनाया गया वो कुछ इस तरह दिखता है ये इंसानी इतिहास में अब तक का सबसे पुराना बेड़ा माना जाता है 60 से 70 फुट लंबी वोट्स जिनको देखकर ऐसा लगता है की इनको बड़ी एहतियात से एक दूसरे के पैरेलल खड़ा किया गया है जी जगह ये बोर्ड्स खड़ी है इसको देख कर सबसे पहले ख्याल यह आता है की क्या कहानी ये उसे दूर में नील रिवर का किनारा तो नहीं था एक्सपट्र्स ने देखते साथ ही इस बात से इनकार कर दिया क्योंकि अगर ये बोर्ड्स रिवर के किनारे भाखड़ा आई हैं तो वो अधूरी पोजीशन में खड़ी रहती ये तो एक दूसरे के मुकाबला में बिल्कुल सीधी खड़ी हैं जिसका मतलब है की इनको यहां लाकर खड़ा किया गया है

इसके अलावा आर्कियोलॉजिस्ट ने आसपास के लैंडस्केप कभी अच्छी तरह मोना किया पर कहानी से भी ये जहीर नहीं हवा के नए रिवर यहां से कभी गुजर करती थी तो फिर आखिर ये बोर्ड्स किसकी थी और अगर ये रिवर ने भाखड़ा यहां तक नहीं आई तो फिर इनको रेगिस्तान तक क्यों लाया गया था एक इशारा उसे वक्त मिला जब वोट्स के धागों को 3d ग्राफिक की मदद से दोबारा रिकंस्ट्रक्ट किया गया ये कोई मामूली बोर्ड्स नहीं बल्कि रिंग वेसल थी जिनको 30 लोग मिलकर चप्पू की मदद से चलाया करते थे जैसा की आजकल की राफ्ट वॉटर होती हैं इनके डिजाइन पर गौर किया जाए तो लकड़ी के तख्तों को राशन से जोर-जोर कर बड़ी महारत से बनाया गया था आर्कियोलॉजिस्ट का कहना है की यह उसे दूर में बने वाली वोट से काफी अलग और एडवांस दिखती है इसमें लकड़ी के तख्तों को अंदर से एक खास एंगल में काटकर लगाया गया है और मजहिर ऐसा लगता है की इनको सिर्फ खूबसूरती देने के लिए ऐसे बनाया गया था असिएंट इजिप्ट में सिर्फ एक शख्स इस तरह की वोट रख सकता था और वो था असिएंट इजिप्शियन किंग यानी फरो सिर्फ किंग के पास इतनी ताकत थी की वह उसे दूर की स्टेट ऑफ डी आर्ट बोर्ड्स को ऐसे ही रेगिस्तान में कचरा की तरह छोड़ दे पर सवाल है की इनको रेगिस्तान में रखा क्यों गया था अब विडोस बोर्ड्स की मिस्त्री को सुलझाने के लिए इजिप्टोलॉजिस्ट ने आस-पास के एरिया की जान भीम शुरू कर दी जी जगह पर ये बेड़ा दफन हो रखा है इसके पास ही एक बहुत बड़ा मिट्टी की ईंटों का ढाबा सौदा इस स्ट्रक्चर मौजूद है एक्सपट्र्स का मानना है की ये इतना बड़ा स्ट्रक्चर असिएंट इजिप्शियन की इबादत का लगता है जहां वो अपने खुदा यानी अपने फेरो को पूछते थे यहां अक्सर इवेंट्स भी हुआ करते थे क्योंकि यहां से ऐसे माटी के बर्तन भी मिले हैं

जिसमें कभी खाना और शराब डाला कर दी थी इन बर्तनों की कार्बन डेटिंग भी यही इशारा दे रही थी की इनको इस दूर में बनाया गया था जी दूर में इन 14 वोट्स को बनाया गया था अब इजिप्ट कॉलेजेस को पक्का यकीन हो गया की 14 वोट्स का इस स्ट्रक्चर के साथ जरूर कोई कनेक्शन है करीब से जब इन वोट्स का तुम्हारा मैन किया गया तो एक ऐसा इशारा मिला जो इस डिस्कवरी के लिए एक बहुत बड़ा ब्रेक थ्रू होने वाला था बोर्ड्स के गिर्द भी मिट्टी से बनी ईंटें लगी हुई पी गई ईंटों की दीवार ठीक बोर्ड की कर्व के हिसाब से बनी हुई थी की जैसे इनको खास वोट्स के लिए बनाया गया हो ये दीवार सिर्फ वोट्स की सीडियो पर ही नहीं बल्कि उनके नीचे भी ऐसी ही ईंटें लगी हुई थी अब जब तीन सीडियो पर ईंटें लगी हैं तो जरूर वोट्स के ऊपर भी ईंटें लगे गई होगी जो अब वक्त के साथ गिर कर मालिया मेट हो चुकी है 3d ग्राफिक की मदद से जब बोर्ड्स के ऊपर वाले हिस पर भी ईंटें लगे गई तो वो कुछ इस तरह का मंजर पेस करने लगी ये कुछ और नहीं बल्कि बोर्ड्स के यानी कश्तियों के ताबू थे जी हां मम्मी इसकी तरह इन बोर्ड्स को भी 5000 साल पहले बड़ी शान और शौकत के साथ इन ताबूतों में डाला गया था इनके ऊपर खूबसूरती के लिए व्हाइट लाइम स्टोन का प्लास्टर किया गया था

जब सूरज की रोशनी इन पर पड़ती थी तो यह रेगिस्तान में दूर से ही चमकते दिखाई देती थी आपको यहां बताते चलें की पिरामिड भी जब नए-नए बने थे तब इनकी टॉप लेयर पर भी इसी किम का व्हाइट प्लास्टर लगाया गया था आर्कियोलॉजिस्ट को कई एविडेंस मिले हैं जिससे जहीर होता है की असिएंट इजिप्शियन व्हाइट लाइम स्टोन के प्लास्टर को खूबसूरती के लिए इस्तेमाल किया करते थे लाइमस्टोन प्लास्टर के बाद पिरामिड भी रेगिस्तान में मोती की तरह चमकते थे आर्कियोलॉजिस्ट कई सालों के बाद अबीदोस बोर्ड्स की मिस्त्री को काफी हद तक उलझा चुके थे एक बात तो कंफर्म हो चुकी थी की यह वोट्स नील रिवर में भाखड़ा यहां तक नहीं आई थी इनका एडवांस डिजाइन इस बात की गवाही दे रहा है की यह किसी असिएंट इजिप्शियन किंग की बल्कि थी और इनको ईंटों के ताबूत में डालकर रखा गया था अब सिर्फ आखरी सवाल के जवाब की तलाश थी की बोट को ताबूत में डाला ही क्यों गया था यहां से सिर्फ 1.5 किलोमीटर दूर रेगिस्तान में एक इजिप्शियन किंग की टीम मौजूद है यानी जहां उनको करने के बाद रखा जाता है भारत की बात यह है की यह टॉम भी इस दूर में बनाई गई थी जी दूर में वोट्स और इबादत कहा के अंदर मौजूद बर्तन बनाए गए थे इस टन में ना सिर्फ पैरों की मम्मी को रखा गया था बल्कि इसके साथ जो ये छोटे-छोटे बॉक्स आप देख रहे हैं इनमें पैरों के करीबी साथियों को दफन किया गया था वो भी से इस दिन जी दिन किंग की मौत हुई थी जी हां किंग के ओनर में उसके जितने भी करीबी साथी थे उन्होंने भी अपनी जान देकर अपने फेरो अपने खुदा के साथ ही इस दुनिया से जान का फैसला किया था उनका यह यकीन था की करने के बाद वाले सफर को आसन बनाने के लिए किंग के साथ उसकी साड़ी दौलत उसका समाज और हटा के उसके नौकरों को भी उसके साथ ही दफन किया जाए बोर्ड्स को भी इस किंग की आफ्टर लाइफ को आसन बनाने के लिए इतनी शान शौकत के साथ ताबूतों के अंदर रखा गया था ये एक ऐसी रसम है जिसको बाद वाले इजिप्शियन फिरोज की टोंस में भी नोटिस किया जा चुका है ज्यादातर इजिप्शियन फिरोज की टोम को लुटेरे टूट चुके हैं और कई शायद अब तक कहानी रेट के अंदर छुपी हुई है 1922 में वाली ऑफ डी किंग में जमीन से कई फुट नीचे किंग तूतनखामेन की टॉम मिली थी जो किसी तरह लुटेरे से बचाने के लिए इसमें किंग का सर खजाना और सर समाज बिल्कुल सही सलामत अंटच्ड हालात में मौजूद था इस ख़ज़ाने में भी 35 वोट्स के मॉडल पे गए थे जिनको छायाद अबीदोस बोर्ड्स की तरह ही गेम की आफ्टर लाइफ के सफर को आसन बनाने के लिए उसके साथ ही दफन किया गया था.

By Naveen

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